भारत में कोरोना वायरस के कुल केसों की संख्या खबर लिखे जाने तक 82 हजार के करीब पहुंच गई है. अभी कुल एक्टिव केस (जिन मरीजों की इलाज हो रहा है+जिनकी मौत हो चुकी है) 54401 हैं. 27,920 मरीज ठीक हो चुके हैं. 2,649 मरीजों की मौत हो चुकी है. कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार मई के महीने में काफी तेजी से बढ़ी है और जिस रफ्तार से यह आंकड़ा बढ़ रहा है. उससे साफ जाहिर हो रहा है कि इसके केसों की संख्या 1 लाख तक जा सकती है. दूसरी ओर WHO के स्वास्थ्य अधिकारी की भी बात सही साबित होती दिखाई दे रही है जिसमें उन्होंने कहा था कि जुलाई के आखिरी हफ्ते में भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण अपने चरम पर होगा. एनडीटीवी से बातचीत में डॉ. डेविड नाबारो ने कहा कि एक बार जब लॉकडाउन हटा लिया जाएगा तो इसके मरीजों की संख्या चरम पर पहुंच जाएगी. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है. आने वाले महीनों में और ज्यादा केस आएंगे लेकिन उनमें स्थिरता बनी रहेगी.
उनका कहना है कि भारत सरकार ने समय रहते जरूरी कदम उठा लिए जिसकी वजह से कोविड-19 का संक्रमण फैलने से रुक गया है. लेकिन महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और दिल्ली सहित कुछ शहरी इलाकों में फैला भी है. लेकिन तुरंत उठाए गए कदमों से भारत ने इसको फैलने नहीं दिया. जहां आबादी का इतना घनत्व हो वहां पर इसको नियंत्रित करना काफी मुश्किल होता है. उन्होंने कहा कि भारत में अभी जितने केस हैं वह आबादी के हिसाब से काफी कम हैं. डॉ. नाबारो का कहना है कि इस बीमारी से बुजुर्गों की काफी मौतें हुई हैं लेकिन भारत में यह आंकड़ा भी काफी कम है.
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