बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मुखिया लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने प्रवासियों के मुद्दे पर राज्य के मुख्यंमत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उनकी सरकार पर जोरदार निशाना साधा है. लालू यादव ने शनिवार पर ट्विटर पर लिखा- "बिहार को बिहार और बिहारवासियों के हितों के लिए खूंटा गाड़ लड़ने वाली सरकार चाहिए. कदम कदम पर लड़खड़ाने वाली खोखली, ढकोसली, विश्वासघाती, कुर्सीवादी और पलटीमार सरकार नहीं.
लालू ने मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री पर हमला करते आगे कहा, "नीतीश और उनका स्टेपनी सुशील मोदी बताए, उनके 15 वर्षों के राज में बिहार के हर दूसरे घर से पलायन काहे हुआ?"
बिहार को बिहार और बिहारवासियों के हितों के लिए खूँटा गाड़ लड़ने वाली सरकार चाहिए। कदम कदम पर लड़खड़ाने वाली खोखली ढकोसली, विश्वासघाती, कुर्सीवादी और पलटीमार सरकार नहीं।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 9, 2020
नीतीश और उनका स्टेपनी सुशील मोदी बताए, उनके 15 वर्षों के राज में बिहार के हर दूसरे घर से पलायन काहे हुआ?
बता दें कि कोरोनावायरस संकट की वजह से देश में लॉकडाउन लगा हुआ है. इस बीच, राज्य सरकारें दूसरे राज्यों में फंसे अपने प्रवासी मजदूरों को निकलने के लिए बसें और ट्रेनों की व्यवस्था कर रही हैं. प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. लालू यादव के बेटे और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव प्रवासियों के मुद्दे पर नीतीश सरकार पर कई मौकों पर निशाना साध चुके हैं.
बिहार के उपमुख्यमंत्री को गर्व है कि इन्होंने और नीतीश कुमार ने 15 साल में इतना विकास किया है कि ये अब देश को सबसे सस्ता बिहारी श्रम बेच रहे है।राजस्थानी प्रवासी सुशील मोदी को फ़क़्र है कि NDA ने 15वर्षों में बिहार में कोई उद्योग-धंधा स्थापित नहीं कर बिहार का भला किया है।शर्म करो pic.twitter.com/H0Dox38Orz
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 8, 2020
तेजस्वी ने शुक्रवार को अपने ट्वीट में लिखा- "संवेदनहीनता की भी एक सीमा होती है. जहां सभी राज्य सरकारें अपने राज्यवासियों को वापस लाकर उनकी बेहतरी में दिन-रात प्रयासरत हैं. वहीं तालाबंदी से पहले बिहार आए अप्रवासी मज़दूरों को बिहार सरकार वापस बाहर भेज रही है. रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देने वाली ये सरकार है या Manpower एजेंसी? उन्होंने आगे कहा, "इस मुश्किल दौर में सरकार प्रायोजित रिवर्स माइग्रेशन की यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना इनके 15 सालों की असफलताओं का जीता-जागता स्मारक है. बिहार के सीएम और डिप्टी CM को बिहारवासियों से माफ़ी माँगनी चाहिए कि इनकी 15 वर्षों की विफलताओं के चलते बिहार के हर दूसरे घर से पलायन हुआ है."
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