Covid-19 Pandemic: कोरोना वायरस की महामारी के कारण देश में जारी लॉकडाउन के बीच पश्चिम बंगाल (West Bengal) में कुछ लोगों ने मदद की अच्छी मिसाल पेश की है. हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis-B) जैसी गंभीर बीमारी की दवा न मिलने की वजह से पश्चिम बंगाल में पश्चिम मेदिनीपुर जिले के एक दूरदराज के गाँव का एक रोगी मुसीबत में फंस गया. मुश्किल की इस घड़ी में कुछ अच्छे लोग मदद के लिए आगे आए और 150 किमी से अधिक की दूरी तय कर इस रोगी के घर तक दवा पहुंचाई.
रोगी पूर्णिमा मौर के पड़ोस में रहने वाले उसके रिश्तेदार सौमित्र मौर ने बताया कि अपने इलाके में कहीं भी दवा न मिलने से निराश होने के बाद उसने एक हैम रेडियो क्लब से संपर्क किया. पश्चिम मेदिनीपुर जिले के चंद्रकोना में मंगरूल गाँव की निवासी पूर्णिमा और उसका परिवार इस बात से बहुत परेशान थे कि उन्हें दवा कैसे मिलेगी, जबकि अब केवल कुछ ही दिनों की दवा शेष थी. फॉर्मेसी के छात्र सौमित्र ने फोन पर पीटीआई को बताया, ‘‘मैंने एक दोस्त से पश्चिम बंगाल रेडियो क्लब के बारे में जाना था और अन्य सभी प्रयास विफल होने के बाद मदद के लिए रेडियो क्लब से संपर्क किया.''
उसने बताया कि डॉक्टर ने एक साल के कोर्स के लिए पूर्णिमा को ‘टेनोफोविर डिसप्रोक्सिल फ्यूमरेट' टेबलेट खाने की सलाह दी है और उसकी कुछ टेबलेट ही बच गई थी. यहां किसी भी स्थानीय दवा दुकान में यह टेबलेट नहीं मिली. लॉकडाउन के कारण दूर शहरों की यात्रा करना मुश्किल था.
सौमित्र ने कहा कि दवा की तत्काल आवश्यकता के बारे में बताने के बाद क्लब के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने उन्हें सहायता का आश्वासन दिया. पश्चिम बंगाल रेडियो क्लब के संस्थापक सचिव बिस्वास ने कहा कि हमें सोमवार को हेपेटाइटिस-बी से पीड़ित एक गंभीर रोगी के लिए एक विशेष दवा की तत्काल आवश्यकता के बारे में बताया गया और एक व्यापक खोज के बाद यह दक्षिण 24 परगना जिले में सोनारपुर लिवर फाउंडेशन के पास मिला.'' बिस्वास ने बताया कि दवा मंगलवार शाम को मरीज के घर पहुंचाई गई. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सदस्य सौपर्ण सेन ने मंगलवार सुबह लिवर फाउंडेशन से दवा ली और 150 किलीमीटर से अधिक की दूरी तय कर चंद्रकोना में पूर्णिमा मौर के घर तक इसे पहुंचाई.'' सौमित्र ने बताया कि सेन ने उसे एक महीने की दवा सौंपी है.
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