लॉकडाउन में आर्थिक राहत : चिदंबरम थोड़ा खुश तो थोड़ा नाखुश, कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा- ऊंट के मुंह में जीरा

Covid19: कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने टैक्स में छूट, आर्थिक पैकेज और RBI की ओर से ब्याज दरों और EMI में सहूलियतों का ऐलान हुआ है. जिसका पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि जो 10 प्वाइंट सुझाए थे.

लॉकडाउन में आर्थिक राहत : चिदंबरम थोड़ा खुश तो थोड़ा नाखुश, कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा- ऊंट के मुंह में जीरा

वित्त मंत्री ने गुरुवार को आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है.

नई दिल्ली:

कोरोनावायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने टैक्स में छूट, आर्थिक पैकेज और RBI की ओर से ब्याज दरों और EMI में सहूलियतों का ऐलान हुआ है. जिसका पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि जो 10 प्वाइंट सुझाए थे. सरकार की ओर से किए गए फैसलों में वो नजर आ रहे हैं. लेकिन साथ में उन्होंने यह भी जोड़ा कि अभी थोड़ा और कदम उठाने की जरूरत है. आज हुए आरबीआई की ओर से EMI और ब्याज दरों में छूट पर उन्होंने कहा कि  EMI तिथियों को स्थगित करने की दिशा अस्पष्ट और आधी-अधूरी है. मांग यह है कि सभी EMI देय तिथियों को ऑटोमैटिक स्थगित कर दिया जाना चाहिए. साथ में उन्होंने कहा, 'मैंने सुझाव दिया था कि 30 जून से पहले पड़ने वाली सभी नियत तारीखों को 30 जून तक के लिए टाला जा सकता है. उधारकर्ताओं को संबंधित बैंक पर निर्भर बना दिया गया है और निराश हो जाएगा'. 

गुरुवार को हुए आर्थिक पैकेज के ऐलान पर पी. चिदंबरम ने 'आप देखेंगे कि किरायेदार किसानों और निराश्रितों को मदद, रोजगार और मजदूरी के मौजूदा स्तर को बनाए रखने, कर अवहेलना, ईएमआई स्थगन, जीएसटी दर में कटौती, आदि जैसे सुझावों पर ध्यान नहीं दिया गया है. आइए उम्मीद करते हैं कि शीघ्र ही एक प्लान-2 होगी. एक साथ किए गए कई अलग-अलग ट्वीट में उन्होंने कहा, योजना तीन महीने के लिए गरीबों को पर्याप्त अतिरिक्त खाद्यान्न देती है, और यह स्वागत योग्य है. योजना में गरीबों की जेब में पर्याप्त नकदी नहीं देता है। कुछ वर्गों को पूरी तरह से छोड़ दिया गया है'. हमारा अनुमान (अतिरिक्त धन जो हस्तांतरित किया जाएगा (अनाज और दालों के मूल्य सहित) 1 लाख करोड़ रुपये है. आवश्यक है लेकिन पर्याप्त नहीं है.

दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ताओं ने सरकार के कदमों को पूरी तरह से नाकाफी बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर सिंह शेयरगिल ने कहा आर्थिक पैकज 'ऊंट के मुंह में जीरा' की तरह है. वहीं एक दूसरे प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ' हमारी मांग है कि हर व्यक्ति को अगले 21 दिन में 10 किलो चावल/गेहूँ दिया जाए.  क्यों न स्वास्थ्यकर्मियों को दुगुना वेतन दिया जाए.  इस समय फसल कटाई के लिए तैयार खड़ी है. ऐसे में कटाई का क्या इंतजाम है? सारी मंडियां बंद पड़ी है. किसान की सालभर की कमाई की भरपाई कौन करेगा?

सुरजेवाला ने कहा, 'जनधन खाते में 500 रुपये डालने से क्या होगा? हमारी मांग है कि 7500 रुपये की राशि डाली जाए.' उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति अनाज देने का जो निर्णय लिया गया है, वह पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा, 'हमारी मांग है कि हर व्यक्ति को अगले 21 दिनों के लिए 10 किलोग्राम अनाज मुफ्त दिया जाए और तीन किलो दाल दी जाए.' कांग्रेस नेता ने कहा कि चिकित्साकर्मियों के लिए 50 लाख रुपये की बीमा राशि स्वागत की बात है, लेकिन इनका वेतन दोगुना किया जाए.  उन्होंने मांग की कि ईएमआई को तीन महीने के लिए टाला जाए.  उन्होंने यह मांग भी कि जरूरी वस्तुओं की कालाबजारी पर अंकुश लगाया जाए.  

वहीं एक दूसरे कांग्रेस प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने आज हुए RBI के ऐलान पर तीन सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा RBI और मौद्रिक नीति समिति (MPC) में घोषित 3 प्रमुख बातें: 

  • GDP और महँगाई के आंकलन को रोका (ऐसा पहली बार हुआ है)
  • ब्याज दरों में 0.6-1% की कटौती संभव.
  • Deposit Rate में भी 0.6-1% की कटौती अर्थात बढ़ती महँगाई के साथ FD पर रिटर्न निगेटिव.

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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण तथा इसकी रोकथाम के लिये लगाये गये लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे असर को कम करने के लिये बृहस्पतिवार को आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश पैकेज के तहत कोरोना वायरस के संक्रमण में लोगों के इलाज में लगे डॉक्टरों, पैरामेडिकल कर्मियों, चिकित्सा सेवा कर्मियों को 50 लाख रुपये प्रति परिवार का बीमा कवर दिया जायेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि राशन की दुकानों से 80 करोड़ परिवारों को अतिरिक्त 5 किलो गेहूं या चावल के साथ एक किलो दाल तीन महीने तक मुफ्त उपलब्ध कराई जायेगी तथा महिलाओं, विधवाओं और बुजुर्गों को वित्तीय सहायता दी जायेगी. इसके अलावा कुछ अन्य घोषणाएं भी की गई हैं. (इनपुट भाषा से भी)