स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ जारी नई गाइडलाइन में कहा गया है कि कोरोनावायरस के मरीज को होम आइसोलेशन के लिए डॉक्टरों की अनुमति जरूरी है. कोविड-19 के हल्के लक्षण या बगैर लक्षण वाले मरीज जिनको कोई दूसरी बीमारी नहीं है वो होम आइसोलेशन में रहते हुए अपना इलाज करा सकेंगे, लेकिन इसके लिए पहले डॉक्टर की परमिशन लेनी जरूरी होगी. लेकिन अगर होम आइसोलेशन में मरीज को सांस लेने में परेशानी, सीने में दर्द या बोलने में दिक्कत होती है तो उन्हें अस्पताल में आना होगा. होम आइसोलेशन में मरीज लक्षण में शुरुआत के 10 दिन बाद डिस्चार्ज होंगे, लेकिन ये देखना जरूरी है कि मरीज को 3 दिन बुखार न हो.
किन लोगों को होम आइसोलेशन की छूट नहीं-
- HIV,कैंसर पेसेंट, प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं है.
- मेडिकल ऑफिसर के उचित मूल्यांकन के बाद ही इन मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति मिलेगी.
- 60 साल से ऊपर के मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति मेडिकल ऑफिसर के उचित मूल्यांकन के आधार पर तय होगा.
- इसके अलावा डायबटीज, हाइपरटेंशन, कैंसर, किडनी, फेफड़ों से सबंधित गंभीर बीमारी वाले मरीजों को भी होम आइसोलेशन की छूट मेडिकल ऑफिसर के उचित मूल्यांकन के आधार पर मिलेगी.
होम आइसोलेशन के लिए जरूरी निर्देश-
- होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज को परिवार के सदस्यों से बिलकुल अलग-थलग रहना होगा.
- होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज की देखभाल के लिए 24 घंटे एक केयर गिवर होगा. जो अस्पताल और मरीज के बीच सेतु का काम करेगा.
- केयर गिवर को डॉक्टर की सलाह के तहत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेनी होगी.
- होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज के मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप होना चाहिए जो पूरी तरह सक्रिय हो.
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