केंद्रीय गृहमंत्रालय ने रविवार को सभी राज्यों को सलाह जारी करते हुए कहा है कि कुछ आर्थिक गतिविधियों के लिए दी जा रही ढील के दौरान प्रवासी मजदूरों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. साथ ही ये भी साफ किया है कि जो भी मजदूर लॉकडाउन की वजह से राहत शिविरों में रह रहे हैं स्थानीय प्रशासन द्वारा उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, ताकि उनकी कुशलता के आधार पर उन्हें काम दिया जा सके.
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कहा गया कि यह भी देखा जाएगा कि जो राज्य के बाहर मजदूर के द्वारा किसी भी तरह की गतिविधि नहीं हो रही हो.
बता दें कि भारत सरकार ने कोरोनावायरस (Coronavirus) संकट के बीच लोगों को हो रही दिक्कतों को कुछ हद तक कम करने के लिए 20 अप्रैल (सोमवार) से कुछ सेवाओं और कामकाज की अनुमति देने का फैसला किया है. ये सेवाएं और गतिविधियां Non Covid-19 Areas या कोरोना से कम से कम प्रभावित क्षेत्रों में चालू होंगी.
केंद्र सरकार द्वारा छूट दी जाने वाली लिस्ट में आयुष समेत स्वास्थ्य सेवाओं, कृषि एवं बागवानी गतिविधियों, मछली पकड़ने (समुद्री और अंतर्देशीय), वृक्षारोपण गतिविधियों (अधिकतम 50 प्रतिशत श्रमिक के साथ चाय, कॉफी और रबर) और पशुपालन को रखा गया है. इसके साथ ही अधिकतम 50 प्रतिशत मजदूरों के साथ चाय, कॉफी और रबर बागान में काम किया जा सकेगा.
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