
कोरोनावायरस (Coronavirus) खतरे को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के जरिये दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने वाले सभी यात्रियों को अपने खर्च पर सात दिन के लिए संस्थागत क्वारंटीन में रहना होगा. सात दिन सेंटर में क्वारंटीन रहने के बाद उन्हें एक हफ्ते होम क्वारंटीन में रहना पड़ेगा. केंद्र सरकार की ओर से जारी हालिया गाइडलाइन के मुताबिक, सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को इस संबंध में वचनपत्र पर हस्ताक्षर करने होंगे कि वे इस नियम का पालन करेंगे.
इसके अलावा, जो अतंरराष्ट्रीय यात्री दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में रहने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए स्वास्थ्य जांच करवानी अनिवार्य होगी. पहले हवाई अड्डे पर मौजूद स्वास्थ्य अधिकारी उनकी जांच करेंगे और फिर दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य जांच से गुजरना होगा. मंजूरी मिलने के बाद यात्री स्वीकृत क्वारंटीन लोकेशन पर जा सकेंगे.
दिल्ली एयरपोर्ट ने जानकारी दी है कि सिर्फ चार कैटेगरी में आने वाले लोगों को इस प्रक्रिया से छूट दी गई है. गर्भवती महिलाएं, परिवार में किसी की मौत हो गई हो, गंभीर बीमारी से पीड़ित रोगियों को और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ सफर कर रहे माता-पिता, उन्हें इससे अलग रखा गया है, उन्हें ज़रूरी दस्तावेजों के साथ अंडरटेकिंग airportcovid@gmail.com पर भेजना होगा.
इस बीच, सभी घरेलू यात्रियों को एग्जिट गेट के पास थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना अनिवार्य होगा और जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखेंगे, सिर्फ उन्हीं को हवाई अड्डा परिसर से बाहर जाने की अनुमति मिलेगा. इसके बाद उन्हें सात दिन के लिए होम क्वारंटीन रहना होगा.
गाइडलाइन में कहा गया है, 'वंदे भारत मिशन के तहत चल रही अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से आने वाले यात्री ही केवल कनेक्टिंग डोमेस्टिक फ्लाइट से यात्रा कर सकते हैं. अगर कोई यात्री बिना वंदे भारत अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के भारत आ रहा है और दूसरी घरेलू फ्लाइट से यात्रा की योजना बना रहा हैं तो उन्हें अधिकृत छूट प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा.'
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