Coronavirus: अत्यधिक संक्रामक कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया भर में 25 लाख से अधिक लोगों को संक्रमित किया है. इसका दुनिया की अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ा है. विकास दर कम हो गई है, लाखों लोगों की नौकरी चली गई है. अब सामान्य खुशहाल हालात में लाए गए प्रस्तावों पर पुनर्विचार किया जा रहा है. संक्रामक बीमारी ने भारत के प्रमुख संस्थानों - जैसे IIT और IIM के स्नातकों को भी नहीं बख्शा है. इन संस्थानों के ग्रेजुएटों को उच्च वेतन वाली नौकरियां मिलने की गारंटी होती है.
मद्रास के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के छह छात्रों को नौकरी की पेशकश महामारी के चलते कंपनियों ने निरस्त कर दी है. इस संस्थान की रैंक शिक्षा मंत्रालय के सभी संस्थानों की श्रेणी और इंजीनियरिंग संस्थानों की श्रेणी में पहली है. कहा जाता है कि विदेशों के लिए जॉब ऑफर रद्द नहीं हुए हैं.
आईआईटी मद्रास का कहना है कि कैंपस का विजिट कर चुकीं 252 कंपनियों ने 924 छात्रों को जॉब ऑफर दिए हैं. संस्थान ने कहा है कि भर्ती प्रक्रिया शैक्षणिक वर्ष के अंत तक जारी रहेगी. यह प्लेसमेंट पिछले साल हुए 932 प्लेसमेंटों की तुलना में आठ कम हैं.
इस बीच आईआईटी बॉम्बे ने यह भी कहा है कि जॉब ऑफर रद्द नहीं किए गए हैं, बल्कि कैंपस के फिर से खुलने तक प्लेसमेंट प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है.
उधर, गुवाहाटी के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने अपने छात्रों को आश्वासन दिया है कि कोई भी रोजगार या इंटर्नशिप ऑफर वापस नहीं लिया गया है, कुछ कंपनियों ने ज्वाइनिंग की तारीख आगे बढ़ा दी है. संस्थान के छात्रों ने बताया कि "मौजूदा अनिश्चितता की स्थिति में संस्थान इस बात से खुश है कि अब तक प्लेसमेंट पर कोई असर नहीं पड़ा है. कोई भी घरेलू या अंतरराष्ट्रीय ऑफर वापस नहीं लिया गया है. हालांकि कुछ कंपनियों ने ज्वाइंनिंग टाल दी है."
आईआईटी गुवाहाटी ने कहा है कि वह ग्रेजुएट छात्रों के लिए वर्क फ्राम होम मॉडल पर काम करने की व्यवहारिकता का आकलन करने के लिए कंपनियों से परामर्श कर रहा है. आईआईटी बेंगलुरु ने भी अपने ग्रेजुएटों को आश्वस्त करने के लिए एक बयान जारी किया. उसने कहा है कि कंपनियों ने वादा किया है कि वे छात्रों से किए गए अपने वादे का सम्मान करेंगी.
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