धर्म नगरी काशी में शायद पहली बार ऐसा हो रहा हो जब दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती के आकार को किसी वायरस की चपेट में आने से बचाने के लिए छोटा किया है. ऐसा नहीं है कि आरती नहीं होगी, आरती तो होगी लेकिन उसमें भव्यता नहीं दिखेगी. श्रद्धालुओं के आने पर पाबंदी रहेगी. गंगा आरती कराने वाली संस्था गंगा सेवा निधि ने यह फैसला कोरोना वायरस को देखते हुए लिया है.
गंगा सेवा निधि द्वारा दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध दैनिक मां गंगा आरती आज सांकेतिक रूप से सम्पन्न कराई गई व गंगा सेवा निधि के प्रधान अर्चक ने भी मास्क पहनकर मां गंगा की आरती की. इस उद्देश्य से कि देश में लोग सजकता बरतें और कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचा जा सके. गंगा की आरती में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों से भी यह अपील की जा रही है कि वे अगली सूचना तक आरती में न शामिल हों. आज गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र, कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी, हनुमान यादव, सुरजीत सिंह, इंदु शेखर शर्मा, पंकज अग्रवाल उपस्थित रहे.
जिला प्रशासन ने लगाई गंगा आरती पर रोक
बनारस आने वाले हर शख्स की हसरत होती है कि वह गंगा आरती में जरूर शामिल हो. दशाश्वमेध घाट पर होने वाली आरती में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में देशी-विदेशी सैलानी शिरकत करते हैं. यहां होने वाली आरती की भव्यता पूरी दुनिया में मशहूर है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गंगा आरती को देखने के लिए दो बार यहां आ चुके हैं. लेकिन हाल के दिनों में कोरोना वायरस ने जिस तेजी से भारत में पांव पसारे हैं, उसे देखते हुए जिला प्रशासन ने गंगा आरती पर रोक लगाने का फैसला किया है. वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि गंगा आरती की परंपरा निरंतर चलेगी, लेकिन इसमें श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगा दी गई है. यह आरती सूक्ष्म रूप में की जाएगी. इसमें सार्वजनिक भागीदारी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
31 मार्च तक आदेश रहेगा लागू
गंगा आरती के आयोजकों ने बताया कि आरती एक या दो लोगों द्वारा सांकेतिक रूप से की जाएगी. यह आदेश 31 मार्च तक लागू रहेगा. इससे पहले भी वाराणसी में कई सार्वजनिक स्थलों पर लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी है. वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है. संकटमोचन मंदिर में भी श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश करने से पहले सैनिटाइजर से हाथ धोए जा रहे हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर में भी यही व्यवस्था की गई है. लोगों के हाथ अच्छे से धोए जा रहे हैं, उसके बाद साफ तौलिए से भी हाथों को साफ किया जा रहा है.
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) ने कोरोना वायरस की वजह से 31 मार्च तक विश्वविद्यालय पहले ही बंद कर दिया है. अब छात्रावासों में रह रहे छात्रों से अपील की गई है कि वे छात्रावास खाली कर दें और अपने घर चले जाए. जब विश्वविद्यालय खुलेगा तब उन्हें सूचित कर दिया जाएगा. बनारस की काशी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी ने भी अपने छात्रावास में रह रहे छात्रों से यही अपील की है.
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