उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में आठ लोगों के नमूने की निजी प्रयोगशालाओं में जांच होने पर रिपोर्ट पॉजिटिव निकली थी, लेकिन जब उनकी सरकारी प्रयोगशालाओं में दोबारा जांच कराई गई तो रिपोर्ट निगेटिव निकली. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
जिला निगरानी अधिकारी सुनील दोहरे ने कहा कि इन आठ लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई और इन फर्जी रिपोर्ट को लेकर निजी प्रयोगशालाओं को नोटिस दिया जा रहा है. इस तरह की प्रयोगशालाओं को नोटिस भेजा जा रहा है और उनके स्थानों का तुरंत पता नहीं चल सका है.
एक वरिष्ठ सरकारी डॉक्टर ने कहा, ‘‘निजी प्रयोगशालाओं से प्राप्त किए जा रहे संदिग्ध रिपोर्टों को राष्ट्रीय जीव विज्ञान संस्थान (एनआईबी) या अति विशिष्ट बाल चिकित्सा अस्पताल और स्नातकोत्तर शिक्षण संस्थान (एसएसपीएचपीजीटीआई) या सरकारी आयुर्विज्ञान संस्थान (जीआईएमएस) में सत्यापित किया जा रहा है.''
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘जांच के लिए मरीजों का चयन करते वक्त निजी चिकित्सा संस्थानों को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए निर्देशित किया गया है, जबकि जांच केवल आईसीएमआर-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में ही की जानी है.''
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