
एक जहां केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों को निकालने के लिए ढील देने का ऐलान किया है. वहीं उत्तर प्रदेश में महाराष्ट्र से आए 7 प्रवासी मजदूर कोरोना वायरस से पीड़ित पाए गए हैं. इसके बाद से सरकार और प्रशासन के लिए और सिरदर्द बढ़ गया है. ये सभी पीड़ित बस्ती जिले में हैं. राहत वाली बात ये है कि सभी को क्वरंटाइन किया गया था. अब इन सभी को स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है और क्वरंटाइन सेंटर को सैनेटाइज किा जा रहा है.
बताया जा रहा है कि यह इलाका बाहर से आए प्रवासी मजदूर जो कि कोरोना से संक्रमण हैं उसका बड़ा क्लस्टर बन गया है. गौरतलब है 25 मार्च से जारी लॉकडाउन के ऐलान के बाद लाखों प्रवासी मजदूर देश के कई हिस्सों में फंसे हुए हैं. कोरोना बीमारी से अब तक 1200 लोगों की मौत हो चुकी है और 37,000 केस सामने आ चुके हैं.
कई प्रवासी मजदूर ऐसे भी हैं जो सैकड़ों किलोमीटर पैदल ही चलकर अपने गांव की ओर रवाना हो गए. इनमें से कई ऐसे भी जो रास्ते में अपनी जान गंवा बैठे. देश के हिस्सों में फंसे मजदूर लगातार घर जाने की मांग रहे थे और इसको लेकर यूपी सहित कई राज्य सरकारें अपनी ओर से पहल भी कर रही थीं. इस पर काफी मतभेद भी था. आखिरकार मजदूरों की हालत देखते हुए केंद्र सरकार ने ढील दे दी और कई जगहों से स्पेशल ट्र्रेनें भी चलाई जा रही हैं.
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