Coronavirus: आईटीबीपी (ITBP) द्वारा ग्रेटर नोएडा में संचालित सीएपीएफ़ रेफरल हॉस्पिटल से इलाज के बाद कोविड 19 संक्रमण से मुक्त हुए सीएपीएफ कर्मियों को आज विदाई दी गई. इस मौके पर आईटीबीपी के डीजी ने हॉस्पिटल के कोरोना वारियर्स की सराहना की.
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को समर्पित सीएपीएफ रेफरल हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा से आज 20 जवानों को कोरोना संक्रमण से मुक्त हो जाने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. इस मौके पर भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के डायरेक्टर जनरल एसएस देसवाल ने डिस्चार्ज हो रहे 17 आईटीबीपी और 3 बीएसएफ जवानों को गुलाब के फूल और आईटीबीपी के कैलेंडर भेंट करके शुभकामनाएं दीं. सभी स्वस्थ जवानों को मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर बधाई दी. ये जवान दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में ड्यूटी के दौरान कोरोना से संक्रमित हुए थे.
इस मौके पर देसवाल ने हॉस्पिटल के कोरोना वारियर्स, सीएपीएफ़ के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस चुनौतीपूर्ण दौर में केन्द्रीय सशस्त्र बलों के इस हॉस्पिटल ने अपनी क्षमताओं का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए सभी संसाधनों का उपयोग किया है. इन बलों के कोरोना संक्रमितों के इलाज़ में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है.
इस हॉस्पिटल को आईटीबीपी ने कोविड हॉस्पिटल में परिवर्तित कर दिया है. 200 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में आईटीबीपी, बीएसएफ़, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और एनएसजी के जवानों और उनके कुछ परिवारों के सदस्यों का इलाज़ चल रहा है. फ़िलहाल यहां 170 संक्रमित भर्ती हैं. अब तक 21 मरीज़ों को कोरोना मुक्त होने पर छुट्टी मिल चुकी है.
इस हॉस्पिटल में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के तर्ज़ पर सेवाएं उपलब्ध हैं. यहां पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के ही विशेषज्ञ चिकित्सक सेवाएं देते हैं. यहां आधुनिक चिकित्सीय उपकरण उपलब्ध हैं. यहां से टेलीमेडिसिन की भी सुविधा उपलब्ध है. इस हॉस्पिटल का उद्घाटन 2018 में किया गया था. सीएपीएफ़ में यह देश का पहला हॉस्पिटल है जहां कोविड 19 संक्रमितों का इलाज़ चल रहा है. इस अस्पताल में रोबोटिक रैक का भी प्रयोग किया जा रहा है.
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