दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में मिले कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ( Omicron) ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है. भारत में भी सतर्कता बरती जा रही है. वहीं ओमिक्रॉन के संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO)की शीर्ष वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने एनडीटीवी से कहा कि ओमिक्रॉन लहर को रोका जा सकता था. उन्होंने बुधवार को एनडीटीवी से कहा, "अगर हमने दुनिया भर में मौजूद टूल का इस्तेमाल किया होता तो इसे रोकना दुनिया के हाथों में था. "हमारे पास दुनिया भर के लोगों के लिए पर्याप्त वैक्सीन थी. शायद हम ऐसा होने की संभावना को कम कर सकते थे
उन्होंने ओमिक्रॉन को लेकर कहा कि मुझे लगता है कि जो गलत हुआ, उसे कई तरह से कहा जा सकता है. इसमें वैक्सीन नेशनलिज्म भी है. हर देश के नेता सिर्फ अपने लोगों की रक्षा करना चाहते थे. लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि अगर आप दुनिया भर के लोगों का इस वायरस से बचाव नहीं करते हैं तो इस वायरस का स्वरूप बदल रहा है और इसका एक अलग वैरिएंट वापस आ सकता है.
ओमिक्रॉन पहली बार अफ्रीका में मिला था. एक ऐसा महाद्वीप, जहां बहुत लोगों को अभी तक वैक्सीन की पहली खुराक भी नहीं लगी है. एक महीने के भीतर ही यह एशिया, अमेरिका, मध्य पूर्व और यूरोप में इस वैरिएंट के मामले सामले आए. इससे पहले बुधवार को यूरोपीय यूनियन के प्रमुख ( European Union chief) उरुसुला वॉन डेर लेयेन ( Urusula von der Leyen) ने चेतावनी दी थी कि अगले महीने यूरोप में ओमिक्रॉन वैरिएंट प्रबल हो सकता है. यूके में पहले ही ओमिक्रॉन से एक मौत हो चुकी है.
भारत ने अब तक ओमिक्रॉन के 68 मामले सामने आए हैं . महाराष्ट्र से अधिकतम 32 केस सामने आए हैं. वहीं राजस्थान में 17 , कर्नाटक में 3, गुजरात में 4, केरल 1, तेलंगाना 2, पश्चिम बंगाल 1 और आंध्र प्रदेश 1 में मामले सामने आए हैं. दिल्ली में छह और चंडीगढ़ में एक संक्रमित मरीज का पता चला है.
ओमिक्रॉन वेरिएंट पर कितना कारगर है कोविड टीका?
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