थाना सदर के वेदनगर में आठ दिसंबर को धर्म परिवर्तन कराने की घटना के मुख्य आरोपी नंद किशोर वाल्मीकि को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर ने बताया कि अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही थी और उसपर 5,000 हजार रुपये का इनाम घोषित था। हालांकि गिरफ्तारी में देरी होते देख आगरा जोन के पुलिस उपमहानिरीक्षक ने इनाम की राशि बढ़ाकर 12,000 रुपये कर दी थी।
उन्होंने बताया कि आरोपी मंगलवार को राजस्थान जा रहा था उसी दौरान पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ कर पूरे मामले की सच्चाई जानने का प्रयास किया जा रहा है।
इससे पहले की खबर में आगरा पुलिस ने बताया था कि बाल्मीकि ने हरि पर्बत थाना में आज सुबह आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
लगभग 100 लोगों का 'जबर्दस्ती धर्मांतरण' कराए जाने के सिलसिले में धर्म जागरण मंच और इस संगठन के प्रदेश संयोजक वाल्मीकि के खिलाफ नौ दिसंबर को एक एफआईआर दर्ज की गई थी।
पुलिस ने इस्माइल के रूप में पहचान किए गए एक व्यक्ति की शिकायत पर आईपीसी की धारा 153 (ए) (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और धारा 415 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया था। इस्माइल उन लोगों में शामिल था जिनका धर्मांतरण किया गया था।
पुलिस ने वाल्मीकि को गिरफ्तार करने के लिए विभिन्न इलाकों में छापेमारी की थी और उसके ठिकाने के बारे में किसी तरह की जानकारी देने वालों को 12,000 रुपया इनाम देने की घोषणा की थी।
14 दिसंबर को वाल्मीकि पुलिस से बच निकला लेकिन उसके बेटे राहुल और रिश्तेदार कृष्ण कुमार को एटा जिले में एक अतिथिशाला से गिरफ्तार कर लिया गया। इस मुद्दे को लेकर संसद के बाहर और भीतर विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
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