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This Article is From Oct 29, 2012

पेट्रोलियम मंत्रालय छीने जाने से जयपाल रेड्डी नाराज़!

पेट्रोलियम मंत्रालय छीने जाने से जयपाल रेड्डी नाराज़!
नई दिल्ली:

पेट्रोलियम मंत्रालय छीने जाने से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयपाल रेड्डी नाराज़ बताए जा रहे हैं। जयपाल रेड्डी को मंत्रिमंडल फेरबदल में विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग दिया गया है।

विरोधियों का आरोप है कि रिलायंस को जयपाल रेड्डी से मुश्किल हो रही थी इसलिए उन्हें हटाया गया। वीरप्पा मोइली अब नए पेट्रोलियम मंत्री हैं।  

बीजेपी भी इसे मुद्दा बना रही है। पार्टी के नेता वैंकया नायडू ने कहा है कि सरकार को इसका जवाब देना चाहिए कि रेड्डी जैसे वरिष्ठ मंत्री को पेट्रोलियम मंत्रालय से हटा कर दूसरे मंत्रालय में क्यों भेजा गया। उन्होनें इसके पीछे पेट्रोलियम इंडस्ट्री के दबाव का मुद्दा भी उठाया।

जयपाल रेड्डी से पेट्रोलियम लिए जाने पर इंडिया अगेन्स्ट करप्शन के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने भी सवाल उठाया है। केजरीवाल ने कहा है कि इस फेरबदल के जरिये कहीं न कहीं केंद्र सरकार ने ये संकेत दिए हैं कि जो जितना भ्रष्ट होगा उसे उतनी तरक्की मिलेगी।

लेकिन, वीरप्पा मोइली का कहना है जयपाल रेड्डी अच्छा काम कर रहे थे। उनका मंत्रालय बदले जाने के पीछे कोई मंशा खोजना ठीक नहीं।
वहीं, शहरी विकासमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि बीजेपी के आरोप बेबुनियाद हैं और उनकी सरकार के दौरान भी इस तरह के फेरबदल होते रहे हैं।

दरअसल, ये मानने की कई वजहें हैं कि रिलायंस जयपाल रेड्डी से नाखुश रहा। जयपाल रेड्डी ने रिलायंस के कई प्रस्ताव नामंज़ूर किए हैं। जैसे
− नैचुरल गैस के दाम बढ़ाने की उसकी मांग नामंज़ूर हुई।
−मंत्रालय ने कहा, ईजीओएम दाम तय कर चुका है जिसपर 2014 में ही संशोधन होना है।
−रेड्डी ने केजी बेसिन के केजी डी 6 पर हुए ख़र्च की जांच के आदेश भी दिए
−केजी बेसिन से गैस उत्पादन मेंटेन रखने की नाकामी के एवज में रिलायंस के 1.46 अरब डॉलर का ख़र्च भी नामंजूर कर दिया गया।

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