रामविलास पासवान (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दो सब्जियां जिनके बिना भारतीयों का खान पान पूरा नहीं हो पाता जिसमें एक प्याज है और दूसरा टमाटर. वहीं प्याज की कीमतें एक बार फिर से 50 रुपये किलो से ऊपर चली गई हैं. टमाटर का हाल और बुरा है. ये नौबत सिर्फ दिल्ली में नहीं, देश के कई बड़े शहरों में अब ये दोनों सब्जियां आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं.
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वहीं केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान से जब प्याज की बढ़ती कीमतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि प्याज की कीमत कम करना मेरे हाथ में नहीं है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र से 10000 टन भेजने को कहा गया है और विदेश से आने में डेढ़ महीना लगता है. पासवान ने बताया कि प्याज के निर्यात पर इंसेंटिव कम किया है और न्यूनतम निर्यात मूल्य बदलने से निर्यात गिरा है. उन्होंने बताया कि निर्यात कुछ दिन में 4000 टन से 136 टन पर आ गया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश से प्याज की नए प्याज की आवक के साथ इसके दाम में कमी आएगी.
हालांकि खरीफ की प्याज का उत्पादन इस साल कम रह सकता है, पर सरकार इसकी आपूर्ति बढ़ाने तथा इसकी कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के लिये कुछ ठोस पहल की है. प्याज का आयात करने था किसानों से सीधे प्याज लेकर उसे खपत वाले क्षेत्रों में पहुंचाने से भी आपूर्ति सुधर रही है. प्याज और टमाटर की ऊंची कीमत से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के बाद पासवान ने पत्रकारों से कहा कि हमने दिल्ली और अन्य शहरों में वितरण के लिये महाराष्ट्र सरकार से केंद्र की तरफ से 10,000 टन प्याज खरीद का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि आपूर्ति बढ़ने के साथ टमाटर के दाम भी नरम होने शुरू होंगे. टमाटर के खुदरा मूल्य 60 से 70 रुपये किलो पहुंच गया है.
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पासवान ने कहा कि दिल्ली सरकार से नाफेड के प्रस्ताव पर विचार करने को कहा गया है. नाफेड ने राष्ट्रीय राजधानी में राशन की दुकानों के जरिये प्याज बेचने के लिये प्याज खरीदने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि प्याज के दाम में वृद्धि चिंता का विषय है. केंद्र सरकार दैनिक आधार पर दाम पर नजर रख रही है और दिल्ली सरकार ने इसके लिये एक टीम बनायी है. यह पूछे जाने पर कि दाम में कबतक कमी आएगी, मंत्री ने कहा, ‘‘हम महाराष्ट्र के लासलगांव में दाम में कुछ सुधार देख रहे हैं.’’ एशिया में प्याज की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव में पिछले दो-तीन दिनों में प्याज 36 रुपये से 32 रुपये किलो पर आ गया है. उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के मंडी में दो राज्यों से प्याज की आवक के साथ प्याज के दाम में और कमी आएगी.’’ पासवान ने कहा कि कीमत मांग-आपूर्ति सु जुड़ा है और मंत्रालय की इसमें सीमित भूमिका है.
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उन्होंने कहा कि इसके बावजूद नाफेड और एसएफएसी से उत्पादक राज्यों 12,000 टन प्याज की खरीद करने और उसे खपत वाले क्षेत्रों में वितरित करने को कहा गया है. नाफेड अबतक 1,000 टन प्याज की खरीद कर चुका है.’’ वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की एमएमटीसी 2,000 टन प्याज के आयात के लिये निविदा जारी की है.
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वहीं केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान से जब प्याज की बढ़ती कीमतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि प्याज की कीमत कम करना मेरे हाथ में नहीं है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र से 10000 टन भेजने को कहा गया है और विदेश से आने में डेढ़ महीना लगता है. पासवान ने बताया कि प्याज के निर्यात पर इंसेंटिव कम किया है और न्यूनतम निर्यात मूल्य बदलने से निर्यात गिरा है. उन्होंने बताया कि निर्यात कुछ दिन में 4000 टन से 136 टन पर आ गया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश से प्याज की नए प्याज की आवक के साथ इसके दाम में कमी आएगी.
हालांकि खरीफ की प्याज का उत्पादन इस साल कम रह सकता है, पर सरकार इसकी आपूर्ति बढ़ाने तथा इसकी कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के लिये कुछ ठोस पहल की है. प्याज का आयात करने था किसानों से सीधे प्याज लेकर उसे खपत वाले क्षेत्रों में पहुंचाने से भी आपूर्ति सुधर रही है. प्याज और टमाटर की ऊंची कीमत से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के बाद पासवान ने पत्रकारों से कहा कि हमने दिल्ली और अन्य शहरों में वितरण के लिये महाराष्ट्र सरकार से केंद्र की तरफ से 10,000 टन प्याज खरीद का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि आपूर्ति बढ़ने के साथ टमाटर के दाम भी नरम होने शुरू होंगे. टमाटर के खुदरा मूल्य 60 से 70 रुपये किलो पहुंच गया है.
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पासवान ने कहा कि दिल्ली सरकार से नाफेड के प्रस्ताव पर विचार करने को कहा गया है. नाफेड ने राष्ट्रीय राजधानी में राशन की दुकानों के जरिये प्याज बेचने के लिये प्याज खरीदने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि प्याज के दाम में वृद्धि चिंता का विषय है. केंद्र सरकार दैनिक आधार पर दाम पर नजर रख रही है और दिल्ली सरकार ने इसके लिये एक टीम बनायी है. यह पूछे जाने पर कि दाम में कबतक कमी आएगी, मंत्री ने कहा, ‘‘हम महाराष्ट्र के लासलगांव में दाम में कुछ सुधार देख रहे हैं.’’ एशिया में प्याज की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव में पिछले दो-तीन दिनों में प्याज 36 रुपये से 32 रुपये किलो पर आ गया है. उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के मंडी में दो राज्यों से प्याज की आवक के साथ प्याज के दाम में और कमी आएगी.’’ पासवान ने कहा कि कीमत मांग-आपूर्ति सु जुड़ा है और मंत्रालय की इसमें सीमित भूमिका है.
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उन्होंने कहा कि इसके बावजूद नाफेड और एसएफएसी से उत्पादक राज्यों 12,000 टन प्याज की खरीद करने और उसे खपत वाले क्षेत्रों में वितरित करने को कहा गया है. नाफेड अबतक 1,000 टन प्याज की खरीद कर चुका है.’’ वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की एमएमटीसी 2,000 टन प्याज के आयात के लिये निविदा जारी की है.
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