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This Article is From Dec 07, 2020

कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के खिलाफ SC में अवमानना याचिका दायर, रिपब्लिक मामले में किया था ट्वीट

रचिता तनेजा के मामले में कानून के छात्र आदित्य कश्यप ने अधिवक्ता नमित सक्सेना के जरिए यह अवमानना ​​याचिका दायर की है. याचिका में दावा किया गया है कि तनेजा की पोस्ट वायरल हो गई और न्यायपालिका पर हमला बोलने वाले लोगों द्वारा इसे व्यापक रूप से साझा किया गया.

कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के खिलाफ SC में अवमानना याचिका दायर, रिपब्लिक मामले में किया था ट्वीट
रचिता तनेजा ने रिपब्लिक केस में सुप्रीम कोर्ट को लेकर कुछ ट्वीट्स किए थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

अवमानना मामले में कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा (Cartoonist Rachita Taneja) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई है. अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल की मंजूरी मिलने के बाद कानून के एक छात्र ने कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के खिलाफ आपराधिक अवमानना की ​​कार्यवाही शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने शीर्ष अदालत के खिलाफ ट्वीट्स के लिए कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति दे दी थी.

 एजी केके वेणुगोपाल का कहना है कि ट्वीट में तनेजा का चित्रण इस देश के सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है. तनेजा ने अपने ट्वीट में रिपब्लिक टीवी एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को जमानत देने वाली शीर्ष अदालत पर एक कार्टून बनाया था. हाल ही में एजी ने सुप्रीम कोर्ट की आलोचना के लिए स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ अवमानना शुरू करने की सहमति दी थी.

यह भी पढ़ें : स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सोशल मीडिया की आजादी पर अंकुश नहीं लगाया जाना चाहिए : अटॉर्नी जनरल 

रचिता तनेजा के मामले में कानून के छात्र आदित्य कश्यप ने अधिवक्ता नमित सक्सेना के जरिए यह अवमानना ​​याचिका दायर की है. याचिका में दावा किया गया है कि तनेजा की पोस्ट वायरल हो गई और न्यायपालिका पर हमला बोलने वाले लोगों द्वारा इसे व्यापक रूप से साझा किया गया. एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (एओआर) सक्सेना ने कहा कि आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल ने अपनी लिखित सहमति में कहा है कि इन पोस्ट का मकसद न्यायालय की छवि खराब करना और जनता की नज़र में उसके अधिकार को कमतर बनाना है.

किसी व्यक्ति के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए कानून के तहत अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की सहमति जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना पर ​​2,000 रुपये का जुर्माने और छह महीने तक की कैद की सजा के प्रावधान हैं.

कोर्ट ने हाल ही में वकील व कार्यकर्ता प्रशांत भूषण को उनके दो ट्वीट को लेकर अदालत की अवमानना ​​का दोषी ठहराया था और उन पर एक रुपये का जुर्माना लगाया गया था.

(भाषा से इनपुट के साथ)

Video: सोशल मीडिया पर अंकुश को लेकर NDTV से बोले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल राय

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