
नई दिल्ली:
गुजरात कैडर के अधिकारी राकेश अस्थाना को सरकार द्वारा कार्यकारी सीबीआई चीफ नियुक्ति किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है. इस संबंध में अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल उठाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखा है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में चयन मानकों का पालन नहीं किया गया.
कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि सीबीआई चीफ चुने जाने संबंधी चयन कमेटी में प्रधानमंत्री, देश के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता होते हैं. इस लिहाज से एक जूनियर अधिकारी को कार्यकारी सीबीआई चीफ बनाने के लिए जानबूझकर सेलेक्शन कमेटी की मीटिंग को नहीं बुलाया गया. वरिष्ठ अधिकारी अनिल सिन्हा के रिटायर होने के बाद अस्थाना को एक्टिंग चीफ बनाया गया है.
सरकार ने इस मसले पर कहा है कि इस खत के जवाब में वह अपना पक्ष रखते हुए बताएगी कि आखिर इस क्यों इस कमेटी की मीटिंग नहीं हुई. कहा जा रहा है कि 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना सरकार की इस पोस्ट के लिए पहली पसंद थे लेकिन वह वरिष्ठता क्रम में जूनियर थे और इस कारण संभावित उम्मीदवारों के लिए बनाए जाने वाले पैनल में भी शामिल नहीं होते.
दूसरी ओर आलोचकों का यह भी कहना है कि अस्थाना को अंतरिम चीफ नियुक्त करने के लिए सरकार को सेलेक्शन कमेटी की मीटिंग बुलाने की जरूरत भी नहीं थी लेकिन इस कदम से अस्थाना के अगले साल सीबीआई चीफ बनने का रास्ता खुल गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि वह तब तक वरिष्ठता क्रम में भी ऊपर पहुंच जाएंगे और इसके चलते संभावित उम्मीदवारों के पैनल में शामिल हो सकेंगे.
प्रधानमंत्री को लिखे खत में खड़गे ने अनिल सिन्हा के रिटायर होने से तीन दिन उनके बाद दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी आरके दत्ता के अचानक ट्रांसफर का मसला भी उठाया है.
कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि सीबीआई चीफ चुने जाने संबंधी चयन कमेटी में प्रधानमंत्री, देश के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता होते हैं. इस लिहाज से एक जूनियर अधिकारी को कार्यकारी सीबीआई चीफ बनाने के लिए जानबूझकर सेलेक्शन कमेटी की मीटिंग को नहीं बुलाया गया. वरिष्ठ अधिकारी अनिल सिन्हा के रिटायर होने के बाद अस्थाना को एक्टिंग चीफ बनाया गया है.
सरकार ने इस मसले पर कहा है कि इस खत के जवाब में वह अपना पक्ष रखते हुए बताएगी कि आखिर इस क्यों इस कमेटी की मीटिंग नहीं हुई. कहा जा रहा है कि 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना सरकार की इस पोस्ट के लिए पहली पसंद थे लेकिन वह वरिष्ठता क्रम में जूनियर थे और इस कारण संभावित उम्मीदवारों के लिए बनाए जाने वाले पैनल में भी शामिल नहीं होते.
दूसरी ओर आलोचकों का यह भी कहना है कि अस्थाना को अंतरिम चीफ नियुक्त करने के लिए सरकार को सेलेक्शन कमेटी की मीटिंग बुलाने की जरूरत भी नहीं थी लेकिन इस कदम से अस्थाना के अगले साल सीबीआई चीफ बनने का रास्ता खुल गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि वह तब तक वरिष्ठता क्रम में भी ऊपर पहुंच जाएंगे और इसके चलते संभावित उम्मीदवारों के पैनल में शामिल हो सकेंगे.
प्रधानमंत्री को लिखे खत में खड़गे ने अनिल सिन्हा के रिटायर होने से तीन दिन उनके बाद दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी आरके दत्ता के अचानक ट्रांसफर का मसला भी उठाया है.
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