बीते दो लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बेहतरीन प्रदर्शन ने जहां एक तरफ पीएम मोदी (PM Modi) और गृहमंत्री अमित शाह को बड़ा रणनीतिकार साबित किया वहीं कमजोर होते विपक्ष की पोल भी खोली. 2019 में जब लगातार दूसरी बार बीजेपी जीतकर आई तो राजनीति के जानकारों ने इसका श्रेय कमजोर विपक्ष को भी दिया. बीजेपी की जीत और कमजोर विपक्ष पर उठ रही उंगलियों के बीच कांग्रेस पार्टी की रणनीति पर भी सवाल खड़े होने लगे थे. ऐसे में कांग्रेस के सामने अपनी खोती राजनीतिक जमीन तलाशने की बड़ी चुनौती थी. लिहाजा कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए पार्टी की कमान राहुल गांधी को सौंप दिया. अध्यक्ष बनने के बाद ही राहुल गांधी ने संगठन को जमीनी स्तर से दोबारा खड़ा करने की कवायद शुरू की. इसका फायदा पार्टी को मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव में भी मिला. लेकिन राहुल गांधी 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी को ज्यादा सीटें नहीं दिला सके.
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इस चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन को देखते हुए उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और कई महीनों तक चली प्रक्रिया के बाद पार्टी ने एक बार फिर वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को जिम्मेदारी सौंपी. सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया. राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने और बाद में सोनिया गांधी को पार्टी का कमान देने का साफ तौर पर असर विधानसभा चुनाव के परिणामों में दिखा. पार्टी ने 2018 और 2019 के बीच पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में BJP को सत्ता से बेदखल कर दिया.
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एमपी-राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बनी कांग्रेस की सरकार
राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद 2018 में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने पहले से बेहतर प्रदर्शन किया. मध्य प्रदेश में कांग्रेस को इस चुनाव में 114 सीटें मिलीं, जो पिछले चुनाव से 56 सीटें ज्यादा थीं. वहीं राजस्थान में कांग्रेस को कुल 100 सीटें मिलीं, पिछले चुनाव में राज्य में कांग्रेस को महज 21 सीटें मिली थीं. यानी पिछले चुनाव की तुलना में यहां कांग्रेस को 79 सीटों का फायदा हुआ. उधर, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बीजेपी को पछाड़ते हुए राज्य में बुहमत के साथ सरकार बनाई. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 2018 में हुए चुनाव में कुल 68 सीटें जीतीं. बता दें कि पिछले चुनाव (2013) में कांग्रेस को 39 सीटों से संतोष करना पड़ा था.
महाराष्ट्र और हरियाणा में भी कांग्रेस ने की वापसी
राज्यों के चुनाव में कांग्रेस का बेहतर प्रदर्शन 2019 में भी जारी रहा. पार्टी ने महाराष्ट्र और हरियाणा में पहले की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया. महाराष्ट्र में सीटों के लिहाज से तो कांग्रेस का प्रदर्शन 2014 के आसपास ही रहा, लेकिन उसकी सहयोगी एनसीपी 41 से बढ़कर 54 तक पहुंच गई. जबकि हरियाणा में तो पार्टी सरकार पिछले चुनाव से दोगुना सीटें हासिल की. खास बात यह है कि हरियाणा चुनाव में राहुल गांधी ने जहां गिनती की ही रैलियां की थी वहीं सोनिया गांधी यहां चुनाव प्रचार से पूरी तरह से दूर रहीं थी. जानकारों का मानना है कि अगर पार्टी राज्य में थोड़े समय पहले चुनावी मूड में आ जाती तो इसकी सीटों में और इजाफा हो सकता था.
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झारखंड में भी JMM-Congress गठबंधन की जीत
कांग्रेस झारखंड चुनाव में भी वापसी करती दिख रही है. यहां पार्टी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन किया था. इस गठबंधन को राज्य में स्पष्ट गठबंधन मिलता दिख रहा है. झारखंड विधानसभा (Jharkhand Election Results) की 81 सीटों के लिए पांच चरणों में मतदान की गिनती में बीजेपी को JMM-कांग्रेस गठबंधन ने फिर काफी पीछे छोड़ दिया है. गठबंधन 46 सीटों पर आगे हो गया है अब देखने वाली बात ये है कि क्या गठबंधन जीत का 'अर्द्धशतक' लगा पाएगी? यानी क्या 50 सीटें उसे मिलेंगी? वहीं JMM अकेले 30 सीटों पर आगे हो गई है और बीजेपी को पीछे छोड़ राज्य में सबसे बनी पार्टी बन गई है.
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