यह ख़बर 06 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

राज्यों में पार्टी के मामलों में जरूरी बदलाव होने चाहिए : कार्ति

कार्ती चिदंबरम की फाइल तस्वीर

चेन्नई:

वरिष्ठ नेता जीके वासन के कांग्रेस से अलग होने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम ने राज्यों में पार्टी के मामलों में आलाकमान के पर्यवेक्षकों की भूमिका को खारिज किया है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य कार्ति ने कहा, ‘‘आलाकमान के पर्यवेक्षकों के संदर्भ में मौजूदा प्रबंधकीय ढांचे पर विचार होना चाहिए। राज्यों में पार्टी के मामलों का प्रबंधन और जरूरी बदलाव होने चाहिए।’’ उनका यह बयान वासन और समर्थकों की ओर से लगाए गए उस आरोप की पृष्ठभूमि में खासा अहम है कि तमिलनाडु में पार्टी के प्रभारी मुकुल वासनिक ने पार्टी के मामले को सही तरीके से नहीं संभाला।

पार्टी की तमिलनाडु इकाई में कई नेताओं के बीच मतभेदों को लेकर कार्ति ने कहा कि सभी मुद्दों पर सहमति बनाने के लिए प्रयास होने चाहिए जैसा केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में हुआ था।

ऐसी सहमति बनाने में अपनी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कार्ति ने कहा, ‘‘पार्टी के एक समर्पित कार्यकर्ता के तौर पर मैं नेतृत्व के साथ पूरे सहयोग की कोशिश करूंगा तथा पार्टी और जनता की प्रगति के लिए कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम करूंगा।’’

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वासन के पार्टी से बाहर जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘अगर पार्टी का कोई साधारण कार्यकर्ता भी होता तो भी इससे मौजूदा समय में पार्टी कमजोर होगी।’’