रायपुर:
छत्तीसगढ़ में विपक्षी दल कांग्रेस ने 19 नक्सलियों के मारे जाने पर सवाल उठाते हुए इसकी जांच के लिए शनिवार को एक समिति का गठन किया।
मरने वालों में महिलाओं और बच्चों के भी होने का जिक्र करते हुए कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार इस मुद्दे पर कदम उठाए हैं, उससे यह आशंका उठती है कि कहीं यह फर्जी मुठभेड़ तो नहीं थी। वहीं पुलिस ने ऐसे आरोपों को सिरे से खारिज किया।
कांग्रेस के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के लिए जगदलपुर पहुंचे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल ने कहा, "मृतकों में महिलाओं व बच्चों का होना तथा जिस प्रकार राज्य सरकार ने पूरे मामले को निपटाया है, उससे इसके फर्जी मुठभेड़ होना का संदेह पैदा होता है।"
तथ्यों की जांच के लिए पटेल ने पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व कोंटा से विधायक कवासी लखमा के नेतृत्व में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति ने शनिवार से काम करना शुरू कर दिया है। समिति एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।
इस बीच, पुलिस अधिकारियों ने इस आरोप को खारिज किया कि जनजातीय आबादी के निर्दोष लोगों को मारा गया। पुलिस का दावा है कि मरने वाले सभी या तो दुर्दात नक्सली थे या नक्सलियों के संगठन 'जन मिलिशिया' के सदस्य थे।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (नक्सल अभियान) राम निवास और महानिरीक्षक (खुफिया) मुकेश गुप्ता ने कहा कि मरने वाले नक्सलियों में छह दुर्दांत नक्सली थे, जिनमें दंतेवाड़ा जेल तोड़ने का मुख्य आरोपी मरकाम सुरेश भी शामिल है, जबकि 11 'जन मिलिशिया' के सदस्य थे।
मरने वालों में महिलाओं और बच्चों के भी होने का जिक्र करते हुए कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार इस मुद्दे पर कदम उठाए हैं, उससे यह आशंका उठती है कि कहीं यह फर्जी मुठभेड़ तो नहीं थी। वहीं पुलिस ने ऐसे आरोपों को सिरे से खारिज किया।
कांग्रेस के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के लिए जगदलपुर पहुंचे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल ने कहा, "मृतकों में महिलाओं व बच्चों का होना तथा जिस प्रकार राज्य सरकार ने पूरे मामले को निपटाया है, उससे इसके फर्जी मुठभेड़ होना का संदेह पैदा होता है।"
तथ्यों की जांच के लिए पटेल ने पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व कोंटा से विधायक कवासी लखमा के नेतृत्व में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति ने शनिवार से काम करना शुरू कर दिया है। समिति एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।
इस बीच, पुलिस अधिकारियों ने इस आरोप को खारिज किया कि जनजातीय आबादी के निर्दोष लोगों को मारा गया। पुलिस का दावा है कि मरने वाले सभी या तो दुर्दात नक्सली थे या नक्सलियों के संगठन 'जन मिलिशिया' के सदस्य थे।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (नक्सल अभियान) राम निवास और महानिरीक्षक (खुफिया) मुकेश गुप्ता ने कहा कि मरने वाले नक्सलियों में छह दुर्दांत नक्सली थे, जिनमें दंतेवाड़ा जेल तोड़ने का मुख्य आरोपी मरकाम सुरेश भी शामिल है, जबकि 11 'जन मिलिशिया' के सदस्य थे।
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