यह ख़बर 06 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

लगता है संसद में केवल एक ही इंसान की आवाज की कीमत रह गई है : राहुल गांधी

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं को लेकर लोकसभा में कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के बीच राहुल गांधी लोकसभा के वेल में पहुंच गए। कांग्रेस सांसद नारे लगा रहे थे, अच्छे दिन कहां गए, प्रधानमंत्री जवाब दो...

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर चर्चा कराने की मांग को लेकर स्थगन प्रस्ताव दिया था, लेकिन स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इसे नामंजूर कर दिया और हंगामे के बीच भी सदन की कार्यवाही जारी रखी गई। हंगामे में कांग्रेस के साथ यूपीए की सहयोगी पार्टियां भी शामिल थीं।

बाद में संसद परिसर में राहुल गांधी ने संवाददाताओं से बातचीत में बिना नाम लिए कहा कि सदन में सिर्फ एक ही व्यक्ति की आवाज सुनाई देती है, हमें बोलने की इजाजत नहीं दी जा रही है। राहुल ने कहा, हम चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं और मैं कई दफा संसद में इसको लेकर अपनी बात उठा चुका हूं। राहुल के बयान पर बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि स्पीकर के खिलाफ इस तरह आरोप लगाना मर्यादा के खिलाफ है। राहुल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री न तो सांप्रदायिक हैं, न ही तानाशाह।

वहीं, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। इस पर संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने जोरदार तरीके से ऐतराज जताते हुए कहा कि कांग्रेस  हताशा में ऐसे आरोप लगा रही है।


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