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This Article is From Mar 18, 2022

'नेतृत्व पर कोई सवाल ही नहीं था' : सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद बोले गुलाम नबी आजाद

गत बुधवार को ‘जी 23’ के नेताओं ने रात्रिभोज पर बैठक की थी. ‘जी 23’ समूह पार्टी में संगठनात्मक बदलाव और सामूहिक नेतृत्व की मांग कर रहा है.

नई दिल्ली:

कांग्रेस के ‘जी 23' समूह के नेताओं की ओर से ‘सामूहिक और समावेशी नेतृत्व' की मांग किए जाने के दो दिनों बाद शुक्रवार को इस समूह के एक प्रमुख सदस्य गुलाम नबी आजाद ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. आजाद ने सोनिया गांधी के आवास ‘10 जनपथ' पहुंचकर उनसे मुलाकात की.

मुलाकात के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष के साथ यह एक अच्छी बैठक थी. यह आपके लिए खबर हो सकती है लेकिन यह अध्यक्ष के साथ एक नियमित, सामान्य बैठक थी. इस बात पर चर्चा की गई कि कांग्रेस पार्टी एकजुट होकर आगामी चुनावों की तैयारी कैसे कर सकती है. नेतृत्व पर कोई सवाल ही नहीं था. सीडब्ल्यूसी में किसी ने भी सोनिया गांधी को पद छोड़ने के लिए नहीं कहा था.'

कांग्रेस अध्यक्ष के साथ आजाद की मुलाकात से एक दिन पहले, बृहस्पतिवार को इस समूह के सदस्य भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी. सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के साथ उनकी एक घंटे से अधिक समय तक चली मुलाकात के दौरान हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों और पार्टी को मजबूत करने के संदर्भ में चर्चा हुई. राहुल गांधी ने हुड्डा को हरियाणा की राजनीतिक स्थिति पर बातचीत के लिए बुलाया था.

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गत बुधवार को ‘जी 23' के नेताओं ने रात्रिभोज पर बैठक की थी. ‘जी 23' समूह पार्टी में संगठनात्मक बदलाव और सामूहिक नेतृत्व की मांग कर रहा है.

हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद इस समूह की सक्रियता बढ़ गई है. इसके एक और प्रमुख सदस्य कपिल सिब्बल ने पिछले दिनों एक साक्षात्कार में कहा था कि गांधी परिवार को कांग्रेस का नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य नेता को मौका देना चाहिए. इसके बाद गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले कुछ नेताओं ने सिब्बल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

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कांग्रेस के इस ‘जी 23' समूह के नेताओं ने बुधवार को रात्रिभोज पर बैठक करके हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा की थी और कहा था कि पार्टी के लिए आगे बढ़ने का यही रास्ता है कि सामूहिक और समावेशी नेतृत्व की व्यवस्था हो.

उन्होंने एक बयान में यह भी कहा था कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए एक भरोसेमंद विकल्प पेश करने के मकसद से समान विचारधारा वाले दलों के साथ बातचीत की शुरुआत की जाए.

राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष आजाद के आवास पर हुई इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर, शंकर सिंह वाघेला, अखिलेश प्रसाद सिंह, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर, मणिशंकर अय्यर, पी. जे. कुरियन, राजिंदर कौर भट्टल, कुलदीप शर्मा, परनीत कौर और एम. ए. खान शामिल हुए थे.

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