नई दिल्ली:
कांग्रेस संसदीय बोर्ड की बैठक में सोनिया गांधी ने पार्टी के सांसदों को अगले चुनाव की तैयारी में जुट जाने का आदेश दे दिया है। सूत्रों के मुताबिक बैठक में सोनिया ने सांसदों से साफ कहा कि खुद की सरकार की आलोचना करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि जरूरत है कि विपक्ष के दोहरे चेहरे को लोगों के सामने लाया जाए और इसके साथ ही दुनिया भर में छाए आर्थिक संकट के बावजूद सरकार ने जो उपलब्धियां पाई हैं, उसे जनता तक पहुंचाया जाए।
सोनिया गांधी ने अपने सांसदों से कहा कि वे गुटबाजी छोड़कर आने वाले चुनावों को ध्यान में रखकर तैयारी करें। सोनिया ने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की आलोचना करना एक फैशन बन गया है, लेकिन इससे काम नहीं चलने वाला है।
उन्होंने कहा, जनता को हमसे उम्मीदें हैं...लेकिन यदि हम इस भावना को चुनावी जीत में बदलना चाहते हैं, तो हमें जनता को अपनी प्रतिबद्धता और एकता दिखानी होगी। बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी भाग लिया।
उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के हालिया विधानसभा चुनावों के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए सोनिया ने कहा, हम इस बात से संतोष कर सकते हैं कि पार्टी मणिपुर में तीसरी बार सत्ता में आई है और उत्तराखंड में सरकार बनाने में कामयाब रही है, लेकिन पंजाब और गोवा के नतीजे बहुत ही निराशाजनक हैं। सोनिया ने कहा, उत्तर प्रदेश में हालांकि हम उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके, लेकिन हमारा वोट प्रतिशत काफी बढ़ा है और 22 सालों में पहली बार हमें गंभीर दल के रूप में देखा गया। निश्चित ही अन्य राज्यों की तरह वहां भी अभी काफी काम करना बाकी है।
केंद्र-राज्य संबंधों में हाल के दिनों में आई खटास पर भी इस बैठक में सोनिया ने सफाई दी। सोनिया ने साफ किया कि उनकी सरकार देश के संघीय ढांचे को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक में सोनिया ने प्रणब मुखर्जी की भी जमकर तारीफ की। प्रणब की इस तारीफ को राष्ट्रपति चुनाव में उनकी उम्मीदवारी से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
मार्च में शुरू हुए संसद के बजट सत्र में कांग्रेस संसदीय दल की यह पहली आमसभा की बैठक थी। सोनिया के लिए उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा विधानसभा चुनावों में हार के बाद पार्टी सांसदों से मिलने का यह पहला मौका था।
(इनपुट भाषा से भी)
सोनिया गांधी ने अपने सांसदों से कहा कि वे गुटबाजी छोड़कर आने वाले चुनावों को ध्यान में रखकर तैयारी करें। सोनिया ने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की आलोचना करना एक फैशन बन गया है, लेकिन इससे काम नहीं चलने वाला है।
उन्होंने कहा, जनता को हमसे उम्मीदें हैं...लेकिन यदि हम इस भावना को चुनावी जीत में बदलना चाहते हैं, तो हमें जनता को अपनी प्रतिबद्धता और एकता दिखानी होगी। बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी भाग लिया।
उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के हालिया विधानसभा चुनावों के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए सोनिया ने कहा, हम इस बात से संतोष कर सकते हैं कि पार्टी मणिपुर में तीसरी बार सत्ता में आई है और उत्तराखंड में सरकार बनाने में कामयाब रही है, लेकिन पंजाब और गोवा के नतीजे बहुत ही निराशाजनक हैं। सोनिया ने कहा, उत्तर प्रदेश में हालांकि हम उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके, लेकिन हमारा वोट प्रतिशत काफी बढ़ा है और 22 सालों में पहली बार हमें गंभीर दल के रूप में देखा गया। निश्चित ही अन्य राज्यों की तरह वहां भी अभी काफी काम करना बाकी है।
केंद्र-राज्य संबंधों में हाल के दिनों में आई खटास पर भी इस बैठक में सोनिया ने सफाई दी। सोनिया ने साफ किया कि उनकी सरकार देश के संघीय ढांचे को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक में सोनिया ने प्रणब मुखर्जी की भी जमकर तारीफ की। प्रणब की इस तारीफ को राष्ट्रपति चुनाव में उनकी उम्मीदवारी से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
मार्च में शुरू हुए संसद के बजट सत्र में कांग्रेस संसदीय दल की यह पहली आमसभा की बैठक थी। सोनिया के लिए उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा विधानसभा चुनावों में हार के बाद पार्टी सांसदों से मिलने का यह पहला मौका था।
(इनपुट भाषा से भी)
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