
कांग्रेस को उसकी धर्मनिरपेक्षता की नीति पर आत्मनिरीक्षण करने संबंधी पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी की सलाह को भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने स्वागत योग्य बताते हुए रविवार को कहा कि जो बात पूर्व रक्षामंत्री ने अब कही है, भाजपा लंबे समय से कहती आ रही है।
आडवाणी ने सूरजकुंड में भाजपा के नवनिर्वाचित सांसदों की प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन संबोधन में कहा, 'अभी कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के बहुत वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि कांग्रेस को धर्मनिरपेक्षता के संबंध में अपनी नीति और व्यवहार का आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।''
आडवाणी के अनुसार, ''एंटनी ने कहा है कि कांग्रेस का धर्मनिरपेक्षवाद अल्पसंख्यक समुदाय की ओर झुका हुआ है और साथ ही संकेत दिया है कि इसके कारण इसने बहुसंख्यक समुदाय को पार्टी से दूर कर दिया है।''
भाजपा नेता ने कहा, ''हमें एंटनी के इस ईमानदार आत्मावलोकन का स्वागत करना चाहिए। जो बात वह अब कह रहे हैं, हम भाजपा के लोग इसे लंबे समय से कहते आ रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''हमारा हमेशा से यह मानना रहा है कि धर्मनिरपेक्षता का अर्थ सबके लिए न्याय, किसी का तुष्टिकरण नहीं और किसी के प्रति भेदभाव नहीं है।''
उन्होंने उम्मीद जताई कि और भी कांग्रेसी नेता एंटनी के इस विचार से सहमत होंगे और धर्मनिरपेक्षता के प्रति कांग्रेस के दृष्टिकोण में परिवर्तन लाएंगे।
आडवाणी ने कहा, ''जहां तक भाजपा का सवाल है, मोदी सरकार को जिस तरह अल्पसंख्यक समुदाय देख रहा है, उसमें दृष्टिकोण का बदलाव साफ नजर आ रहा है।''
उन्होंने कहा, ''पहली बार सांसद बने आपलोग इस बात की पुष्टि करेंगे कि हाल के चुनाव में कई चुनाव क्षेत्रों में अल्पसंख्यक मतदाताओं ने अच्छी खासी संख्या में भाजपा के पक्ष में मतदान किया। हमें इस सकारात्मक बदलाव को और मजबूत करना चाहिए।''
उन्होंने कहा कि भारत और भारत की राजनीति के हमारे दीर्घकालिक दृष्टिकोण का हिस्सा यह होना चाहिए कि उसमें सार्वजनिक जीवन में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच किसी भी तरह का कोई भेद नहीं हो। हम अपने अपने धर्मों का अनुसरण करने के अधिकार और आजादी की पूरी तरह रक्षा करते हुए अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक की श्रेणी को पूरी तरह से अप्रासंगिक बना दें।
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