
Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बगावती तेवरों ने कांग्रेस और यहां सत्ता पर काबिज अशोक गहलोत की सरकार के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है. ऐसे समय जब कांग्रेस राजस्थान में सत्ता बचाने और 'नाराज' सचिन पायलट को मनाने की कवायद में जुटी है, पार्टी के प्रमुख नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) दार्शनिक अंदाज में नजर आए. उन्होंने दो ट्वीट करके इशारों-इशारों में राजस्थान के घटनाक्रम को लेकर बात की. राहुल ने अपने पहले ट्वीट में लिखा 'आज भारतीय समाचार माध्यमों के एक बड़े हिस्से पर फासीवादी हितों ने कब्जा कर लिया है. टीवी चैनलों, वॉटसएस फॉरवर्ड और झूठी खबरों द्वारा एक नफरत भरी कहानी फैलाई जा रही है.'
I want to make our current affairs, history and crisis clear and accessible for those interested in the truth.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 13, 2020
From tomorrow, I'll be sharing my thoughts with you on video.
एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने लिखा-मैं अपने वर्तमान मामलों, इतिहास और संकट के बीच सत्य में रुचि रखने वालों के लिए स्पष्ट और सुलभ बनाना चाहता हूं. कल से, मैं आपके साथ वीडियो पर अपने विचार शेयर करूंगा.'
राजस्थान में सत्ता पर काबिज कांग्रेस के लिए मुश्किल उस समय शुरू हुई जब पिछले कुछ समय से सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ विरोध का झंडा बुलंद किए हुए उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रविवार शाम को 30 विधायकों के समर्थन का दावा किया. उन्होंने अपने लिए सीएम पद और अपने विश्वस्तों के लिए प्रमुख विभागों की मांग की थी. इसके बाद, सोमवार सुबह अपने निवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शक्ति प्रदर्शन किया. गहलोत ने दावा किया कि उनके पास 106 विधायक हैं. इन विधायकों को बीजेपी या पायलट की ओर से किसी संभावित टूट से बचाने के लिए एक रिसोर्ट में रखा गया है. पायलट और उनके कुछ विश्वस्त विधायक गहलोत की इस अहम बैठक में मौजूद नहीं थे.
राजस्थान में इस सियासी संकट के बीच जयपुर पहुंचे कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर किसी को भी किसी पद या प्रोफाइल से समस्या है तो उन्हें पार्टी फ़ोरम पर आकर अपनी आवाज़ उठानी चाहिए. हम मिलकर इसका समाधान करेंगे और अपनी सरकार को राज्य में मज़बूत बनाएंगे. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा वाज़िब हो सकती है लेकिन अपनी बात को पार्टी फ़ोरम पर रखा जाए. वैचारिक मतभेद की वजह से अपनी ही चुनी हुई सरकार को कमज़ोर करना या बीजेपी को ख़रीद-फ़रोख़्त का मौक़ा देना अनुचित है.
मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बताया जा रहा था कि सचिन पायलट आज शाम राजस्थान के सियासी संकट के मसले पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे लेकिन सचिन से इससे इनकार किया. अपने भावी कदम को लेकर तमाम अटकलबाजियों पर विराम लगाते हुए सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने साफ कर दिया है कि वह बीजेपी (BJP) में शामिल नहीं होंगे. राजस्थान में कांग्रेस में चल रहे इस सियासी घमासान को बीजेपी अपने लिए अवसर के रूप में देख रही है.
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