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This Article is From Sep 11, 2014

दिल्ली में भाजपा सरकार के समर्थन में बोली शीला दीक्षित, कांग्रेस नाराज

दिल्ली में भाजपा सरकार के समर्थन में बोली शीला दीक्षित, कांग्रेस नाराज
शीला दीक्षित की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:

भाजपा को गुरुवार को उस समय अनपेक्षित क्षेत्र से समर्थन मिला जब पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि पार्टी को सरकार बनाने का मौका दिया जाना चाहिए क्योंकि ऐसा करना दिल्ली के लोगों के लिए अच्छा होगा। हालांकि कांग्रेस ने शीला की इस टिप्पणी से अपने को अलग कर लिया। बताया जा रहा है कि उनकी इस बात से कांग्रेस पार्टी नाराज हैं।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष शकील अहमद ने कहा कि यह राय शीला दीक्षित की निजी राय हो सकती है। एआईसीसी और कांग्रेस पार्टी के विधायक दिल्ली में भाजपा के सरकार बनाने के सभी प्रयासों के खिलाफ है।

दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकी शीला ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में निर्वाचित सरकारें सदैव अच्छी होती हैं क्योंकि वे लोगों का प्रतिनिधित्व करती हैं। यदि भाजपा इस स्थिति में पहुंच गयी है कि वह सरकार बना सके तो यह दिल्ली के लिए अच्छा होगा।’’ केरल के राज्यपाल पद से हाल में त्यागपत्र देने वाली शीला के इस बयान के कारण सक्रिय राजनीति में उनके लौटने की अटकलें तेज हो गयी हैं। यह बयान ऐसे समय मे आया है जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भाजपा पर दिल्ली में सरकार बनाने के लिए विधायकों को अपने पक्ष में करने का आरोप लगा रही है।

वर्ष 1998, 2003 और 2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को शानदार विजय दिलवाने वाली 76 वर्षीय नेता ने कहा कि विधायक, भले ही वे कांग्रेस, आप के हो या अन्य, चुनाव नहीं चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक मैं समक्ष पा रही हूं, प्रत्येक विधायक, भले ही वह कांग्रेस या आप का हो या अन्य, चुनाव नहीं चाहते। लोग कह रहे हैं कि विधायक अभी तो निर्वाचित हुए हैं और उनकी सदस्यता एक साल पुरानी भी नहीं हुई है। जहां तक मैं समझ सकती हूं और लोग मुझे बता रहे हैं कि वे (विधायक) सरकार बनाना चाहते हैं।’’

शीला ने यह भी कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि सरकार का गठन कैसे होगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह देखना बाकी है कि सरकार कैसे बनती है तथा अल्पमत सरकार के लिए कौन सी चुनौतियां होंगी। क्या वे (भाजपा) इसे पार कर पाएंगे या नहीं, यह उन (भाजपा) पर निर्भर करेगा।’’

पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में शीला के नेतृत्व में कांग्रेस को भारी पराजय का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचित सरकार नहीं होने की स्थिति में लोगों को पता नहीं चलता कि कहां जाएं। उनकी आवाज कहीं नहीं सुनी जा रही।’’
शीला ने कहा, ‘‘यदि लोगों की बात सुनी जाती है तो यह अच्छी बात है। यदि वे (भाजपा) सरकार बनाती है तो उन्हें सदन के पटल पर बहुमत साबित करना होगा, लिहाजा सरकार बनने दिया जाये और तब फैसला हो जाएगा।’’

बहरहाल, दिल्ली कांग्रेस ने शीला के ''स्तब्ध'' करने वाले बयान से अपने को फौरन अलग कर लिया। उसने कहा कि यह उनका निजी विचार है और इसमें पार्टी के रुख की झलक नहीं है।

दिल्ली कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने कहा, ‘‘सरकार गठन के बारे में हम शीला दीक्षित के बयान से स्तब्ध हैं। यह उनके निजी विचार हैं और कांग्रेस का इससे कोई लेनादेना नहीं है। पहले ही दिन से हमारा रूख स्पष्ट है कि कांग्रेस राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा को सरकार नहीं बनाने देगी।’’

बहरहाल, दिल्ली भाजपा ने राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा राजनीतिक गतिरोध तोड़ने के लिए शीला दीक्षित की साफगोई से बयान देने के लिए उनकी सराहना की। उधर आम आदमी पार्टी ने कहा कि उसे कोई आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि भाजपा एवं कांग्रेस में शायद ही कोई अंतर हो।

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