कांग्रेस से जुड़ने से पहले प्रशांत किशोर बीजेपी और जदयू को भी दे चुके हैं अपनी सेवाएं.
नई दिल्ली:
चुनावों में बढ़ती सोशल मीडिया की भूमिका और दिन-प्रतिदिन हाई-टेक होते चुनावों के मद्देनजर अब सियासी पार्टियां भी परंपरागत स्टाइल से इतर चुनाव लड़ने की इच्छुक दिखती हैं. अभी तक बीएसपी सोशल मीडिया से दूर रहती रही है लेकिन अब उसने भी सोशल मीडिया के प्रभाव के चलते अपनी उपस्थिति इस प्लेटफॉर्म पर दर्ज कराई है. बाकी दल तो पहले से ही इस मंच पर मौजूद हैं. सिर्फ इतना ही नहीं इस बार यूपी के चुनावों में लोगों का ध्यान आकर्षित करने, औरों से भिन्न कारगर रणनीति बनाने के लिए सभी प्रमुख दल चुनावी रणनीतिकारों की मदद ले रहे हैं.
प्रशांत किशोर
2014 में बीजेपी के रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर अब यूपी और पंजाब में कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार हैं. बिहार चुनाव में नीतीश कुमार के पक्ष में चुनावी प्रबंधन कर चुके हैं. विशिष्ट रणनीति और मैनेजमेंट के लिए पहचाने जाते हैं. उनका काम करने का ढंग एकदम अलग है. वे राष्ट्रीय नेताओं से लेकर प्रदेश के नेताओं से बात करते हैं. क्षेत्र और कार्यक्रम के हिसाब से नेताओं को बुलाते हैं.
यूपी और पंजाब में कांग्रेस के सभी चुनावी कार्यक्रमों में उनकी अहम भूमिका होती है. कार्यक्रम से दो दिन पहले पहुंचकर लोकल लेवल पर राय लेते हैं. इस बार यूपी में खाट सभा जैसे नए कार्यक्रम को उन्होंने आजमाया है. यूपी में सपा और अखिलेश गुट के गठबंधन की चर्चाओं में भी प्रशांत किशोर का नाम सामने आया है. इसके लिए उन्होंने सपा में अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव से संपर्क भी किया था. यूपी में कांग्रेस के सीएम प्रत्याशी के रूप में ब्राम्हण चेहरे को पेश करने का विचार भी उन्हीं का माना जाता है. इसी के तहत शीला दीक्षित को कांग्रेस ने आगे किया.
रजत सेठी
असम चुनावों में बीजेपी के चुनावी प्रबंधन और पार्टी की कामयाबी के बाद सुर्खियों में आए. कानपुर से ताल्लुक रखते हैं और आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई करने के बाद हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में डिग्री ली.
परिवार संघ का करीबी रहा है. 2014 में हॉर्वर्ड इंडिया एसोसिएशन के लिए इवेंट्स कराते थे. वहीं से भाजपा महासचिव राम माधव के संपर्क में आए. उसके बाद पिछले साल असम चुनावों में बड़ी जिम्मेदारी सफलतापूर्वक निभाई. अपने असम फॉर्मूले को यूपी में भी आजमा रहे हैं. यानी कि जनाधार वाले बड़े नेताओं को बीजेपी से जोड़ने का काम कर रहे हैं. इसके तहत कांग्रेस से रीता बहुगुणा जोशी, बसपा से स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे बड़े नेता बीजेपी के पाले में आ चुके हैं.
स्टीव जार्डिंग
हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्टीव जार्डिंग अमेरिकी चुनाव में हिलेरी क्लिंटन की टीम को अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उनकी टीम में एक लाख से भी अधिक लोग हैं. यूपी में उनकी टीम का एक ग्रुप अखिलेश यादव के लिए रणनीतियां बनाने में जुटा है. वह अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति अलगोर और स्पेनिश प्रधानमंत्री मोरियानो रेजोय को भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
परेश मिश्र
बीएसपी के कद्दावर नेता सतीश चंद्र मिश्र के दामाद हैं. सबसे कम उम्र में यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड बना चुके हैं. इस बार परेश को यूपी मीडिया इंचार्ज के साथ-साथ आईटी सेल का हेड भी बनाया गया है. बीएसपी की सोशल मीडिया टीम बनाने का श्रेय भी परेश को ही जाता है.
प्रशांत किशोर
2014 में बीजेपी के रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर अब यूपी और पंजाब में कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार हैं. बिहार चुनाव में नीतीश कुमार के पक्ष में चुनावी प्रबंधन कर चुके हैं. विशिष्ट रणनीति और मैनेजमेंट के लिए पहचाने जाते हैं. उनका काम करने का ढंग एकदम अलग है. वे राष्ट्रीय नेताओं से लेकर प्रदेश के नेताओं से बात करते हैं. क्षेत्र और कार्यक्रम के हिसाब से नेताओं को बुलाते हैं.
यूपी और पंजाब में कांग्रेस के सभी चुनावी कार्यक्रमों में उनकी अहम भूमिका होती है. कार्यक्रम से दो दिन पहले पहुंचकर लोकल लेवल पर राय लेते हैं. इस बार यूपी में खाट सभा जैसे नए कार्यक्रम को उन्होंने आजमाया है. यूपी में सपा और अखिलेश गुट के गठबंधन की चर्चाओं में भी प्रशांत किशोर का नाम सामने आया है. इसके लिए उन्होंने सपा में अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव से संपर्क भी किया था. यूपी में कांग्रेस के सीएम प्रत्याशी के रूप में ब्राम्हण चेहरे को पेश करने का विचार भी उन्हीं का माना जाता है. इसी के तहत शीला दीक्षित को कांग्रेस ने आगे किया.
रजत सेठी
असम चुनावों में बीजेपी के चुनावी प्रबंधन और पार्टी की कामयाबी के बाद सुर्खियों में आए. कानपुर से ताल्लुक रखते हैं और आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई करने के बाद हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में डिग्री ली.
परिवार संघ का करीबी रहा है. 2014 में हॉर्वर्ड इंडिया एसोसिएशन के लिए इवेंट्स कराते थे. वहीं से भाजपा महासचिव राम माधव के संपर्क में आए. उसके बाद पिछले साल असम चुनावों में बड़ी जिम्मेदारी सफलतापूर्वक निभाई. अपने असम फॉर्मूले को यूपी में भी आजमा रहे हैं. यानी कि जनाधार वाले बड़े नेताओं को बीजेपी से जोड़ने का काम कर रहे हैं. इसके तहत कांग्रेस से रीता बहुगुणा जोशी, बसपा से स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे बड़े नेता बीजेपी के पाले में आ चुके हैं.
स्टीव जार्डिंग
हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्टीव जार्डिंग अमेरिकी चुनाव में हिलेरी क्लिंटन की टीम को अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उनकी टीम में एक लाख से भी अधिक लोग हैं. यूपी में उनकी टीम का एक ग्रुप अखिलेश यादव के लिए रणनीतियां बनाने में जुटा है. वह अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति अलगोर और स्पेनिश प्रधानमंत्री मोरियानो रेजोय को भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
परेश मिश्र
बीएसपी के कद्दावर नेता सतीश चंद्र मिश्र के दामाद हैं. सबसे कम उम्र में यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड बना चुके हैं. इस बार परेश को यूपी मीडिया इंचार्ज के साथ-साथ आईटी सेल का हेड भी बनाया गया है. बीएसपी की सोशल मीडिया टीम बनाने का श्रेय भी परेश को ही जाता है.
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