कांग्रेस ने भारत में रोजगार की समस्या को लेकर रविवार को मोदी सरकार को घेरा. एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पिछले साल 2018 में एक करोड़ से ज्यादा नौकरियां खत्म हो गईं. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की इस रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला किया और कहा कि इस सरकार ने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि हर साल दो करोड़ रोजगार पैदा करेंगे, लेकिन यह सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है. एक साल में एक करोड़ से ज्यादा नौकरियां खत्म होना इस सरकार की नाकामी को बताता है. मनीष तिवारी ने कहा, '2014 लोकसभा चुनाव प्रचार में पीएम मोदी ने लोगों से वादा किया था, अच्छे दिन आएंगे, जिसमें हर साल दो करोड़ रोजगार का वादा भी शामिल था. इसका मतलब पांच सालों में 10 करोड़ रोजगार पैदा होने चाहिए थे.'
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उन्होंने सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि साल 2018 में एक करोड़ से ज्यादा नौकरियां खत्म हो गईं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इस रिपोर्ट को आधार बनाकर कहा कि दिसंबर 2017 तक 40.79 लोगों के पास रोजगार था, जो अब घटकर 39.07 रह गया है. इसका मतलब है कि एक करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरियां चली गई.
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मनीष तिवारी ने यह भी दावा किया कि दिसंबर 2018 में बेरोजगारी रेट 7.4 प्रतिशत बढ़ गई है. यह बीतें एक दशकों से भी ज्यादा है. बड़े पैमाने पर नौकरियों के खत्म होने का सीधा असर अशिक्षित महिला कामगारों, दिहाड़ी और खेत मजदूरों के साथ ही छोटे व्यापारियों पर सबसे ज्यादा हुआ है.
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उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार यह समझने में नाकाम रही है कि समाज में संकट और अर्थव्यवस्था का सुचारू संचालन एक साथ नहीं हो सकता.
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