लद्दाख में चीन की सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में देश के नाम पर अपनी जान गंवाने वाले तेलंगाना के कर्नल संतोष बाबू का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनकी पत्नी और उनके चार साल के बेटे अनिरुद्ध ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी. उनके अंतिम संस्कार में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. यहां उनके परिवार और आस-पड़ोस के लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी. सेना ने उन्हेें बंदूकों से सलामी दी. सड़कों से आर्मी की गाड़ी पर तिरंगे में लिपटे कर्नल का पार्थिव शरीर गुजरने पर लोगों ने उनपर फूल बरसाए और 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम' और 'संतोष बाबू अमर रहें' के नारे भी लगाए. यहां लोगों ने सम्मान में अपनी दुकानें भी बंद रखीं.
कर्नल संतोष बाबू का चार साल का बेटा अनिरुद्ध संस्कार के दौरान पूरा वक्त अपनी मां के साथ बना रहा. मास्क पहने हुए उनके बेटे ने अपने पिता को सलामी दी. चिता को कर्नल के पिता ने मुखाग्नि दी, इस दौरान उनकी पत्नी ने अपने बेटे को गोद में लेकर उनके पार्थिव शरीर की परिक्रमा कराई.
कर्नल के पार्थिव शरीर को बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी से एक विशेष विमान में हैदराबाद के निकट स्थित हकीमपेट वायु सेना अड्डे लाया गया और देर रात उनके घर पहुंचाया गया. तेलंगाना के गवर्नर डॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन, राज्य के मंत्री के.टी. रामाराव, मल्ल रेड्डी, जगदीश रेड्डी, साइबराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनर, हैदराबाद सिटी पुलिस कमिश्नर अंजनी कुमारंद ने वायु सेना अड्डे पर ही उन्हें श्रद्धांजलि दी थी.
गौरतलब है कि सोमवार रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के उनके समेत 20 सैन्यकर्मियों ने अपनी जान गंवा दी थी. जानकारी है कि चीनी सेना के 40 से ज्यादा सैनिकों को नुकसान पहुंचा है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं है.
(भाषा से इनपुट के साथ)
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