विज्ञापन
This Article is From Feb 14, 2020

कॉलेज छात्राओं से माहवारी के सबूत के तौर पर कथित रूप से अंडर गारमेंट उतरवाए गए

साथ में बैठकर खाना खाने के नियम की वजह से छात्रावास में लड़कियों की माहवारी जांच की गई, छात्राओं को कपड़े उतारने पर मजबूर किया गया

कॉलेज छात्राओं से माहवारी के सबूत के तौर पर कथित रूप से अंडर गारमेंट उतरवाए गए
भुज का श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट.
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
गुजरात के कच्छ जिले के भुज में एक कॉलेज के होस्टल में हुई घटना
हंगामे के बाद जांच के लिए पुलिस की टीम शैक्षणिक संस्थान पहुंची
माहवारी वाली लड़कियां अन्य लड़कियों के साथ खाना नहीं खा सकतीं
भुज:

गुजरात के कच्छ जिले के भुज में एक कॉलेज की 60 से ज्यादा छात्राओं को माहवारी के सबूत के तौर पर कथित रूप से अपने अंत:वस्त्र उतारने पर मजबूर किए जाना का मामला सामने आया है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि इस घटना के प्रकाश में आने और इस पर हंगामे के बाद जांच के लिए पुलिस की एक टीम शैक्षणिक संस्थान पहुंची. अधिकारी ने बताया कि यह घटना श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट (एसएसजीआई) में कथित तौर पर 11 फरवरी को हुई. यह संस्थान स्वामीनारायण मंदिर के एक न्यास द्वारा चलाया जाता है.

एक छात्रा ने बताया कि यह घटना एसएसजीआई परिसर के एक छात्रावास में हुई. इस परिसर में स्नातक और पूर्व स्नातक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होती है.

कच्छ पश्चिम के पुलिस अधीक्षक सौरभ तोलुम्बिया ने कहा, ‘‘हमने एक महिला निरीक्षक के नेतृत्व में एक पुलिस टीम छात्राओं से बात करने के लिए भेजी है ताकि प्राथमिकी दर्ज की जा सके. हालांकि लड़कियां आगे आने के लिए तैयार नहीं हैं लेकिन हमें विश्वास है कि एक लड़की प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए जरूर आगे आएगी.''

टॉयलेट में सैनिटरी पैड किसने फेंका, यह जानने के लिए वार्डन ने यूनिवर्सिटी की छात्राओं से जबरन उतरवाए कपड़े

गुजरात राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लीला अनकोलिया ने बताया कि इस कथित मामले का संज्ञान लिया है और भुज पुलिस से इस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. क्रांतिगुरु श्यामजी कृष्ण वर्मा कच्छ विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलपति दर्शना ढोलकिया ने इस संबंध में जांच के लिए समिति गठित की है.
एसएसजीआई इसी विश्वविद्यालय से संबद्ध है.

ढोलकिया ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बताया, ‘‘छात्रावास का एक नियम है कि माहवारी वाली लड़कियां अन्य लड़कियों के साथ खाना नहीं खाएंगी. हालांकि, कुछ लड़कियों ने इस नियम को तोड़ा.'' उन्होंने कहा, ‘‘जब यह मामला प्रशासन के पास पहुंचा तो कुछ लड़कियों ने खुद ही एक महिला कर्मचारी को माहवारी जांच की अनुमति दी.''

शर्मनाक! सरकारी स्‍कूल में टीचरों ने सबके सामने उतरवाए 88 लड़कियों के कपड़े

ढोलकिया ने कहा, ‘‘लड़कियों ने मुझे बताया कि उन्होंने कॉलेज का नियम तोड़ने के लिए प्रशासन से माफी मांगी. लड़कियों ने मुझे बताया कि उन्हें धमकी नहीं दी गई और यह उनकी खुद की गलती है.''
उन्होंने कहा, ‘‘दरअसल इस मामले में अब कुछ किए जाने की गुंजाइश नहीं बची है.''

हालांकि छात्रावास में रहने वाली एक लड़की का कहना है कि उन्हें छात्रावास प्रशासन ने कॉलेज की प्रधानाचार्या रीता रनींगा के कहने पर परेशान किया. छात्रा ने इस घटना में शामिल कर्मचारियों और प्रधानाचार्या के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

राजस्‍थान : होमवर्क नहीं करने पर अध्यापिका ने छात्रा के कपड़े जबरन उतरवाए

VIDEO : छात्राओं की कपड़े उतारकर तलाशी ली गई

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com