पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली:
सीबीआई ने कोयला घोटाले में मनमोहन सिंह का समर्थन किया है। सीबीआई ने कहा है कि मनमोहन सिंह का मामला कोयला घोटाले से अलग है। सीबीआई ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के मामले में हिंडाल्को कोल ब्लाक आवंटन के लिए कोई उद्देश्य नहीं लेकिन पूर्व राज्य मंत्री संतोष बागरोडिया के पास अपराध का उद्देश्य है, क्योंकि उन्हें कोल आवंटन में कमीशन मिला था।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ने मनमोहन सिंह मामले की सुनवाई कोल बेंच से अलग कर दी थी और 21 सितंबर को होने वाली सुनवाई को रद्द कर दिया था। मनमोहन सिंह ने दलील दी थी कि उन्हें ट्रायल कोर्ट ने प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट की धारा 13 (1) (d) के तहत बतौर आरोपी समन जारी किया था। मनमोहन सिंह ने दलील दी कि ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि इस धारा के तहत अपराध के लिए उद्देश्य जरूरी नहीं हैं। मनमोहन सिंह ने इसकी संवैधानिकता को भी चुनौती दी है। बागरोडिया ने दलील दी है कि कोल आवंटन से जुड़े सारे फैसले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बतौर कोयला मंत्री लिए थे, इसलिए उनके खिलाफ समन को रद्द किया जाए। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 29 सितंबर को करेगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ने मनमोहन सिंह मामले की सुनवाई कोल बेंच से अलग कर दी थी और 21 सितंबर को होने वाली सुनवाई को रद्द कर दिया था। मनमोहन सिंह ने दलील दी थी कि उन्हें ट्रायल कोर्ट ने प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट की धारा 13 (1) (d) के तहत बतौर आरोपी समन जारी किया था। मनमोहन सिंह ने दलील दी कि ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि इस धारा के तहत अपराध के लिए उद्देश्य जरूरी नहीं हैं। मनमोहन सिंह ने इसकी संवैधानिकता को भी चुनौती दी है। बागरोडिया ने दलील दी है कि कोल आवंटन से जुड़े सारे फैसले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बतौर कोयला मंत्री लिए थे, इसलिए उनके खिलाफ समन को रद्द किया जाए। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 29 सितंबर को करेगा।
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