मणिपुर की जनता बीते 1 नवंबर से आर्थिक नाकेबंदी से जूझ रही है
नई दिल्ली:
नगा समूह के आंदोलन से मणिपुर का राजमार्ग संख्या-2 बीते 80 दिनों से बंद पड़ हुआ है. आंदोलनकारियों ने इस राजमार्ग की नाकेबंदी की वजह से सरकार के विकास का चक्का यहां आकर थम गया है. मार्च के महीने में राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जानकारों का कहना है कि इस राजमार्ग के बंद होने का असर चुनावों में जरुर पड़ेगा.
इस बात की चिंता की लकीरें राज्य के साथ-साथ केन्द्र सरकार के माथे पर भी देखी जा सकती हैं.
बुधवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकरम इबोबी सिंह ने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. गृह मंत्री ने उनसे पूछा कि आख़िर क्या वजह है कि हाइवे खोलने में राज्य सरकार अभी तक नाकाम रही है, जबकि जितनी फ़ोर्स राज्य ने मांगी थी, केन्द्र ने भेज दी. राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि राज्य सरकार राज्य में चल रही आर्थिक नाकेबंदी को हटाने में विफल रही है.
गृह मंत्रालय ने पीछे साल 15 नवंबर को मणिपुर सरकार और यूनाइटेड नगा काउंसिल के लोगों को बातचित के लिए बुलाया था, लेकिन मणिपुर सरकार ने इस बातचीत में भी हिस्सा नहीं लिया.
बता दें कि मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में 4 और 8 मार्च को मतदान किया जाएगा. चुनाव आयोग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इस राजमार्ग का सीधा असर राज्य विधानसभा की आधी यानी 30 सीटों पर पड़ेगा. क्योंकि उन इलाकों में मतदान के लिए ईवीएम इसी राजमार्ग से होकर ले जानी होंगी.
इस सड़क के बंद होने से राज्य में आवश्यक चीजों के दाम आसमान छूने लगे हैं. चीजों पर बढ़ती महंगाई ने राज्य सरकार की चिंता को और बढ़ा दिया है.
दरअसल, असम से माल से लदे हुए सैकड़ों ट्रक और तेल टैंकर राष्ट्रीय राजमार्ग 37 से गुजरते हैं. नागालैंड के नगा स्टूडेंट्स फैडरेशन समूह ने राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर मणिपुर से सभी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा रखी है.
बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो पर यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) ने नाकेबंदी की है. यह नाकेबंदी एक नवंबर से जारी है. यूएनसी राज्य में सात नए जिले बनाये जाने का विरोध कर रही है.
इस बात की चिंता की लकीरें राज्य के साथ-साथ केन्द्र सरकार के माथे पर भी देखी जा सकती हैं.
बुधवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकरम इबोबी सिंह ने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. गृह मंत्री ने उनसे पूछा कि आख़िर क्या वजह है कि हाइवे खोलने में राज्य सरकार अभी तक नाकाम रही है, जबकि जितनी फ़ोर्स राज्य ने मांगी थी, केन्द्र ने भेज दी. राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि राज्य सरकार राज्य में चल रही आर्थिक नाकेबंदी को हटाने में विफल रही है.
गृह मंत्रालय ने पीछे साल 15 नवंबर को मणिपुर सरकार और यूनाइटेड नगा काउंसिल के लोगों को बातचित के लिए बुलाया था, लेकिन मणिपुर सरकार ने इस बातचीत में भी हिस्सा नहीं लिया.
बता दें कि मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में 4 और 8 मार्च को मतदान किया जाएगा. चुनाव आयोग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इस राजमार्ग का सीधा असर राज्य विधानसभा की आधी यानी 30 सीटों पर पड़ेगा. क्योंकि उन इलाकों में मतदान के लिए ईवीएम इसी राजमार्ग से होकर ले जानी होंगी.
इस सड़क के बंद होने से राज्य में आवश्यक चीजों के दाम आसमान छूने लगे हैं. चीजों पर बढ़ती महंगाई ने राज्य सरकार की चिंता को और बढ़ा दिया है.
दरअसल, असम से माल से लदे हुए सैकड़ों ट्रक और तेल टैंकर राष्ट्रीय राजमार्ग 37 से गुजरते हैं. नागालैंड के नगा स्टूडेंट्स फैडरेशन समूह ने राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर मणिपुर से सभी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा रखी है.
बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो पर यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) ने नाकेबंदी की है. यह नाकेबंदी एक नवंबर से जारी है. यूएनसी राज्य में सात नए जिले बनाये जाने का विरोध कर रही है.
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