जयललिता की फाइल फोटो
चेन्नई:
आरके नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भारी मतों से विजयी होने के बाद तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने शनिवार को विधायक पद की शपथ ली।
तमिलनाडु विधानसभा के भीतर विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने अपने कक्ष में जयललिता को विधायक पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उनके कैबिनेट के सहयोगी भी मौजूद थे।
पिछले साल सितंबर में बेंगलूरू की एक निचली अदालत द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता के दोषी पाए जाने पर विधायक और मुख्यमंत्री के रूप में अयोग्य होने के बाद लगभग 10 महीने के अंतराल पर अन्नाद्रमुक प्रमुख की विधायक के रूप में वापसी हुई है।
बाद में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उनकी अपील पर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मई में उन्हें बरी कर दिया जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
मई में उनकी पार्टी के सदस्य पी वेट्रिवेल ने आरके नगर विधानसभा सीट खाली कर दी जिसके बाद हुये उपचुनाव में जयललिता 1,50,772 मतों से विजयी हुई। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाकपा के सी महेन्द्रन को पराजित किया जिनकी जमानत जब्त हो गई।
उपचुनाव 27 जून को हुआ था और 30 जून को परिणाम घोषित हुआ था।
तमिलनाडु विधानसभा के भीतर विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने अपने कक्ष में जयललिता को विधायक पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उनके कैबिनेट के सहयोगी भी मौजूद थे।
पिछले साल सितंबर में बेंगलूरू की एक निचली अदालत द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता के दोषी पाए जाने पर विधायक और मुख्यमंत्री के रूप में अयोग्य होने के बाद लगभग 10 महीने के अंतराल पर अन्नाद्रमुक प्रमुख की विधायक के रूप में वापसी हुई है।
बाद में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उनकी अपील पर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मई में उन्हें बरी कर दिया जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
मई में उनकी पार्टी के सदस्य पी वेट्रिवेल ने आरके नगर विधानसभा सीट खाली कर दी जिसके बाद हुये उपचुनाव में जयललिता 1,50,772 मतों से विजयी हुई। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाकपा के सी महेन्द्रन को पराजित किया जिनकी जमानत जब्त हो गई।
उपचुनाव 27 जून को हुआ था और 30 जून को परिणाम घोषित हुआ था।
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