बीते शुक्रवार को आयकर विभाग ने स्वास्थ्य मंत्री के आवास समेत 35 स्थानों पर छापेमारी की थी (फाइल फोटो)
चैन्नई:
तमिलनाडु की पार्टियों के लिए नाक का सवाल बनी आरके नगर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को चुनाव आयोग रद्द कर सकता है. आयोग के सूत्रों की मानें तो इलाके में वोट खरीदने के लिए बड़ी मात्रा में नोट बांटने की ख़बरों के बाद चुनाव आयोग यह कदम उठा सकता है. फिलहाल आयोग आयकर विभाग से मिली रिपोर्टों का अध्ययन कर रहा है. आयोग इस पर सोमवार को कोई कड़ा फैसला ले सकता है. यहां 12 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.
पिछले साल आयोग ने एआईएडीएमके और डीएमके नेताओं द्वारा वोट के बदले नोट बांटने की शिकायतों पर
तमिलनाडु की अरावाकुरिचि और थंजावुर विधानसभा सीटें को चुनाव रद्द कर दिया था. भारत के चुनाव इतिहास में यह अपने आप में पहला मामला था, जब धनबल के इस्तेमाल को लेकर मतदान रद्द किया गया हो.
बता दें कि आयकर विभाग ने चुनाव आयोग को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें उसने बताया है कि आरके नगर विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए एआईएडीएमके के शशिकला गुट ने टीटीवी दिनाकरन के पक्ष में वोटरों को लुभाने के लिए 89 करोड़ रुपये मतदाताओं में बांटे हैं. खास बात यह है कि नोट बांट कर वोट हासिल करने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री को भी दी गई है.
आयकर विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सत्ताधारी एआईएडीएमके में वीके शशिकला गुट ने चेन्नई की आरके नगर विधानसभा सीट के उप-चुनाव में शशिकाला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन के समर्थन के लिए मतदाताओं को 89 करोड़ रुपये दिए हैं.
बता दें कि बीते शुक्रवार को आयकर विभाग ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर और कई विधायकों के आवासों समेत 35 से अधिक स्थानों पर छापे मारे थे. छापेमारी अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में ऐसे दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनसे पता चलता है कि आरके नगर विधानसभा उपचुनाव के लिए बड़ी मात्रा में वोट खरीदने के लिए नोट बांटे जा रहे हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इन दस्तावेजों में विधानसभा में वोटरों को खरीदने की रूपरेखा का एक प्लान भी अधिकारियों के हाथ लगा है. इस ब्लू प्रिंट के मुताबिक, आरके नगर विधानसभा सीट को 256 भागों में बांटा गया है. इन 256 भागों में 2.6 लाख मतदाता है. नेताओं ने इन 2.6 लाख मतदाताओं में से 85 फीसदी वोटरों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया है और इस लक्ष्य को पाने का आधार बनाया है नोट, यानी 256 इलाकों के दो लाख, 21 हज़ार लोगों का वोट हासिल करन के लिए 89.65 करोड़ रुपये का बजट तय किया है. जानकार बताते हैं कि इन नेताओं ने एक वोट की कीमत 4000 रुपये तय की है.
खास बात यह है कि वोट हासिल करने के इस लक्ष्य की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री समेत सात वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई है. इनमें खुद मुख्यमंत्री पलानीस्वामी, वन मंत्री डिंडीगुल श्रीनिवासन और वित्त मंत्री जयकुमार शामिल हैं. सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री को 33 हज़ार वोट जुटाने के लिए लोगों में 13.27 करोड़ रुपये बांटने की जिम्मेदारी दी गई है.
सूत्र बताते हैं कि आयकर विभाग ने यह जानकारी चुनाव आयोग के साथ साझा की है. आयकर विभाग की इस जानकारी पर चुनाव आयोग हरकत में आ गया है.
उधर, एआईएडीएमके के शशिकला गुट ने इन आरोपों से इनकार कर दिया है. पार्टी का कहना है कि ये आरोप एकदम झूठे और निराधार हैं. स्वास्थ्य मंत्री विजयभास्कर ने कहा कि आयकर विभाग को उनके घर से केवल 10,000 रुपये मिले. यह सारी कार्यवाही उन्हें परेशान करने के लिए की गई है. 12 अप्रैल का होने जा रहा उप-चुनाव अन्नाद्रमुक के दोनों गुटों के लिए महत्वपूर्ण है. दोनों शिविर जयललिता की विरासत के लिए लड़ रहे हैं.
पिछले साल आयोग ने एआईएडीएमके और डीएमके नेताओं द्वारा वोट के बदले नोट बांटने की शिकायतों पर
तमिलनाडु की अरावाकुरिचि और थंजावुर विधानसभा सीटें को चुनाव रद्द कर दिया था. भारत के चुनाव इतिहास में यह अपने आप में पहला मामला था, जब धनबल के इस्तेमाल को लेकर मतदान रद्द किया गया हो.
बता दें कि आयकर विभाग ने चुनाव आयोग को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें उसने बताया है कि आरके नगर विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए एआईएडीएमके के शशिकला गुट ने टीटीवी दिनाकरन के पक्ष में वोटरों को लुभाने के लिए 89 करोड़ रुपये मतदाताओं में बांटे हैं. खास बात यह है कि नोट बांट कर वोट हासिल करने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री को भी दी गई है.
आयकर विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सत्ताधारी एआईएडीएमके में वीके शशिकला गुट ने चेन्नई की आरके नगर विधानसभा सीट के उप-चुनाव में शशिकाला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन के समर्थन के लिए मतदाताओं को 89 करोड़ रुपये दिए हैं.
बता दें कि बीते शुक्रवार को आयकर विभाग ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर और कई विधायकों के आवासों समेत 35 से अधिक स्थानों पर छापे मारे थे. छापेमारी अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में ऐसे दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनसे पता चलता है कि आरके नगर विधानसभा उपचुनाव के लिए बड़ी मात्रा में वोट खरीदने के लिए नोट बांटे जा रहे हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इन दस्तावेजों में विधानसभा में वोटरों को खरीदने की रूपरेखा का एक प्लान भी अधिकारियों के हाथ लगा है. इस ब्लू प्रिंट के मुताबिक, आरके नगर विधानसभा सीट को 256 भागों में बांटा गया है. इन 256 भागों में 2.6 लाख मतदाता है. नेताओं ने इन 2.6 लाख मतदाताओं में से 85 फीसदी वोटरों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया है और इस लक्ष्य को पाने का आधार बनाया है नोट, यानी 256 इलाकों के दो लाख, 21 हज़ार लोगों का वोट हासिल करन के लिए 89.65 करोड़ रुपये का बजट तय किया है. जानकार बताते हैं कि इन नेताओं ने एक वोट की कीमत 4000 रुपये तय की है.
खास बात यह है कि वोट हासिल करने के इस लक्ष्य की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री समेत सात वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई है. इनमें खुद मुख्यमंत्री पलानीस्वामी, वन मंत्री डिंडीगुल श्रीनिवासन और वित्त मंत्री जयकुमार शामिल हैं. सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री को 33 हज़ार वोट जुटाने के लिए लोगों में 13.27 करोड़ रुपये बांटने की जिम्मेदारी दी गई है.
सूत्र बताते हैं कि आयकर विभाग ने यह जानकारी चुनाव आयोग के साथ साझा की है. आयकर विभाग की इस जानकारी पर चुनाव आयोग हरकत में आ गया है.
उधर, एआईएडीएमके के शशिकला गुट ने इन आरोपों से इनकार कर दिया है. पार्टी का कहना है कि ये आरोप एकदम झूठे और निराधार हैं. स्वास्थ्य मंत्री विजयभास्कर ने कहा कि आयकर विभाग को उनके घर से केवल 10,000 रुपये मिले. यह सारी कार्यवाही उन्हें परेशान करने के लिए की गई है. 12 अप्रैल का होने जा रहा उप-चुनाव अन्नाद्रमुक के दोनों गुटों के लिए महत्वपूर्ण है. दोनों शिविर जयललिता की विरासत के लिए लड़ रहे हैं.
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