पहलू खान लिंचिंग मामले में अलवर की अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी करने के फैसले के बाद अब राजस्थान सरकार एक्शन में दिख रही है. सीएम अशोक गहलोत ने इस मामले की जांच को लेकर एसआईटी का गठन किया है. सीएम ने अगले 15 दिनों में इस मामले को लेकर रिपोर्ट भी मांगी है. बता दें कि पहलू ख़ान की हत्या के मामले में अलवर ज़िला न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया था. अदालत ने मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. बता दें कि साल 2017 में इस भीड़ ने गो-तस्करी के शक में पहलू खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. कोर्ट ने आज इस मामले में सभी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था. एक अप्रैल 2017 को हरियाणा के नूंह मेवात ज़िले के निवासी पहलू ख़ान जयपुर से दो गाय खरीद कर अपने घर ले जा रहे थे.
Rajasthan Chief Minister's Office (CMO): A Special Investigation Team (SIT) will be constituted to investigate the Pehlu Khan case (2017 Alwar lynching). The SIT will submit its report within 15 days. (File pic) pic.twitter.com/6Z3Yo8VTSM
— ANI (@ANI) August 17, 2019
शाम करीब सात बजे बहरोड़ पुलिया से आगे निकलने पर भीड़ ने पिकअप गाड़ी को रुकवा कर पहलू ख़ान और उसके बेटों के साथ मारपीट की थी. इलाज के दौरान उसकी अस्पताल में मौत हो गई थी. पहलू ख़ान की हत्या के मामले में 8 आरोपी पकड़े गए. जिनमें दो नाबालिग हैं. आज अलवर कोर्ट में इन 6 आरोपियों पर फैसला सुनाया गया. नाबालिग आरोपियों की सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में हो रही है. इस मॉब लिंचिंग के मामले में एनडीटीवी ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे. इस स्टिंग के बाद मामले की दोबारा जांच की मांग उठी थी. पुलिस ने एनडीटीवी के स्टिंग को सबूत की तरह पेश किया था.
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बता दें कि पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस ने दो FIR दर्ज की थी. एक FIR पहलू खान की हत्या के मामले में 8 लोगों के खिलाफ और दूसरी बिना कलेक्टर की अनुमति के मवेशी ले जाने पर पहलू और उसके परिवार के खिलाफ हुई थी. दूसरे मामले में पहलू खान और उसके दो बेटों के खिलाफ अब चार्जशीट दाखिल की गई थी. पहलू खान की मौत हो चुकी है ऐसे में उनके खिलाफ तो केस बंद हो जाएगा, लेकिन उनके बेटों के खिलाफ केस चलेगा.
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वहीं बात करें साल 2019 में देशभर में हुए गाय के नाम पर हिंसा की तो करीब 8 घटनाएं हो चुकी हैं.यह न सिर्फ हरियाणा, बल्कि कर्नाटक, असम, झारखंड, मध्य प्रदेश, यूपी और बिहार राज्यों में भी गाय के नाम पर हिंसा हो चुकी है.
2019 में गाय के नाम पर हिंसा-
तारीख़: 19 जनवरी
जगह: रोहतक, हरियाणा
घायल: 1
घटना: 24 साल के नौशाद की पिटाई - गो-तस्करी का शक
तारीख़: 31 जनवरी
जगह: हासन, कर्नाटक
घायल: 1
घटना: 70 साल की ख़मरूनिशा पर हमला, दुकान में तोड़फोड़, गोमांस बेचने का शक
तारीख़: 7 अप्रैल
जगह: विश्वनाथ, असम
घायल: 1
घटना: 68 साल के शौक़त की पिटाई, जबरन पोर्क खिलाया गया, गोमांस बेचने का शक
तारीख़: 10 अप्रैल
जगह: गुमला, झारखंड
मौत: 1
घायल: 3
घटना: बैल के चमड़े निकालने का आरोप, ईसाई आदिवासी पर भीड़ ने किया हमला
तारीख़: 22 मई
जगह: शिवनी, मध्यप्रदेश
घायल: 3
घटना: 2 पुरुष, 1 महिला पर 5 लोगों ने किया हमला, पांच लोगों ने किया हमला, जबरन जय श्रीराम के नारे लगवाए
तारीख़: 7 जुलाई
जगह: खंडवा: मध्यप्रदेश
घायल: 24
घटना: गो-तस्करी के आरोप में 24 लोगों की पिटाई, रस्सियों से बांध कर पिटाई, गो माता की जय के नारे लगवाए
तारीख़: 19 जुलाई
जगह: सारण, बिहार
मौत: 3
घटना: पशु चोरी के आरोप में हत्या, तीन लोगों की पीट पीट कर हत्या
तारीख़: 10 अगस्त
जगह: ग़ाज़ियाबाद, यूपी
घायल: 1
घटना: MCD कर्मचारी की पिटाई, पशुओं के अवेशष को डंप करने जा रहा था
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