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This Article is From Apr 27, 2020

NDTV से बोले CJI शरद अरविंद बोबडे, 'आपदा के समय देश के तीनों अंग मिलकर काम कर रहे हैं लेकिन...'

उन्‍होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए तीनों अंगों को मिलकर सौहार्द के साथ काम करना होता है. बेशक महामारी से निपटने के लिए कार्यपालिका ही बेहतर है, लेकिन अगर कार्यपालिका अपने कर्तव्‍य के निर्वहन से चूककर लोगों के जीवन को खतरे में डालेगी तो न्यायपालिका हस्तक्षेप करेगी.

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देश के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने एनडीटीवी से खास बातचीत की

नई दिल्ली:

देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) शरद अरविंद बोबडे (Sharad Arvind Bobde) ने अदालत के सरकार की लाइन पर चलने के आरोप से सिरे से नकार दिया है. उन्‍होंने कहा कि कोरोना वायरस की आपदा जैसी स्थिति में देश के तीनों अंगों कार्यपालिका, विधायिका और न्‍यायपालिका को मिलकर काम करना होता है. सीजेआई ने यह भी कहा कि महामारी या किसी आपदा से निपटने के लिए कार्यपालिका ही बेहतर है, लेकिन अगर कार्यपालिका लोगों के जीवन को खतरे में डालेंगी तो न्यायपालिका अवश्‍य हस्तक्षेप करेगी. CJI शरद अरविंद बोबडे ने यह विचार NDTV से विशेष बातचीत में व्‍यक्‍त किए. 

उन्‍होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए तीनों अंगों को मिलकर सौहार्द के साथ काम करना होता है. बेशक महामारी से निपटने के लिए कार्यपालिका ही बेहतर है, लेकिन अगर कार्यपालिका अपने कर्तव्‍य के निर्वहन से चूककर लोगों के जीवन को खतरे में डालेगी तो न्यायपालिका हस्तक्षेप करेगी. तीन M यानी मैन, मनी और मेटेरियल का कैसे इस्तेमाल हो, कहां इस्तेमाल हो और कितना इस्तेमाल हो, यह कार्यपालिका को ही तय करना चाहिए. संकट के इस वक्‍त में देश और देशवासियों के लिए संदेश देते हुए CJI ने कहा, 'इस घड़ी में धैर्य बनाए रखने की जरूरत है. 

प्रवासी मजदूरों के विभिन्‍न राज्‍यों में फंसने और उनके रोजीरोटी से जुड़े मुद्दे पर उन्‍होंने कहा- प्रवासी मजदूरों का मामला अभी लंबित है लेकिन हम जो कर सकते हैं कर रहे हैं. हम फील्ड में नहीं हैं, अदालत ने सरकार को सभी प्रवासी मजदूरों को शेल्टर, खाना व काउंसलिंग समेत अन्य सुविधाओं को आदेश दिए हैं. कोरोना महामारी के दौरान जो कर सकते हैं हम कर कहे हैं.

सीजेआई ने माना कि कोरोना वायरस के चलते अदालत पर याचिकाओं का दबाव कम हुआ. सुप्रीम कोर्ट में जनवरी 2020 में 205 याचिकाएं रोजाना दाखिल होती थीं लेकिन अब अप्रैल माह सिर्फ 305 याचिकाएं ही दाखिल हुई हैं. चोर चोरी नहीं कर रहे हैं, चोरी की घटनाएं कम हो गई हैं. पुलिस कार्रवाई भी कम हो गई है. एक अन्‍य सवाल पर उन्‍होंने कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अदालती कार्यवाही चलती रहेगी लेकिन ये अदालतों की जगह नहीं ले सकती. कोर्ट बेशक 'वर्चुअल' चल रही हैं लेकिन जज आराम नहीं कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि कोर्ट साल में 210 दिन काम करता है और अब भी सुनिश्चित किया जाएगा. दो हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की कार से जाने से सवाल पर सीजेआई ने कहा- इन दोनों जजों को सरकार ने प्‍लेन ऑफर किया था, लेकिन उन्होंने सरकारी कार से जाना पसंद किया जबकि एक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने प्‍लेस से यात्रा की.

VIDEO: देश के 47वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस बोबडे ने ली शपथ

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