लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) पास हो गया है. सोमवार रात इस बिल को लेकर सदन में वोटिंग हुई और 311 वोटों से यह पास हो गया. विधेयक के विरोध में 80 वोट पड़े. विपक्षी पार्टियां इस बिल का पुरजोर विरोध कर रही हैं. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने मंगलवार सुबह एक के बाद एक तीन ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर हमला बोला है. अब इस बिल को उच्च सदन यानी राज्यसभा में भेजा जाएगा. जहां पर सरकार के पास उस तरह का समर्थन नहीं है जैसा कि लोकसभा में उसे बहुमत हासिल है हालांकि ऐसा लग रहा है कि जिस तरह से जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए सरकार ने समर्थन जुटा लिया था वैसे ही इस बिल को लेकर भी आसानी से वह आंकड़े जुटा लेगी. बात करें राज्यसभा में आंकड़ों की तो राज्यसभा में कुल सांसदों की संख्या 245 होती है लेकिन इस समय 5 सीटें खाली हैं. इसलिए बिल पास कराने के लिए सरकार को 121 सांसदों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी.
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और ऐसा लग रहा है कि सरकार के पास 130 सांसदों का समर्थन है. जिसमें 130 एनडीए के हैं और 14 अन्य दलों के सांसद हैं. जिसमें बीजेपी के 83, एआईएडीएमके 11, जेडीयू 6, शिरोमणि अकाली दल 3, निर्दलीय 13 सांसद हैं. इसके अलावा बीजेडी के 7, शिवसेना के 3, वाएसआरसीपी के 2 और टीडीपी के 2 सांसद शामिल हैं.
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वहीं बात करें विरोधी पक्ष की तो यूपीए के पास 110 सांसद हैं. जिसमें कांग्रेस के 46, डीएके के 5, आरजेडी के 4, एनसीपी के 4, केरल कांग्रेस के 1, आईयूएमएल के 1, पीएमके,1 एमडीएमके के 1, एमडीएमके के 1, निर्दलीय 1 सांसद हैं. वहीं बीजेपी के विरोध शामिल अन्य दलों की बात करें तो टीएमसी 13, सपा-9, सीपीएम-5, बीएसपी-4 आप-3, पीडीपी-2, सीपीआई-1, जेडीएस-1, अन्य-1. इसके अलावा टीआरएस भी बीजेपी विरोधी गुट में शामिल है जिसके 6 सांसद शामिल हैं.
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