नागरिकता बिल पर शिवसेना ने एक बार फिर अपना रुख बदल लिया है. मंगलवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब तक चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती, हम समर्थन नहीं करेंगे. मीडिया से बात करते हुए ठाकरे ने कहा, 'जब तक चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती, हम बिल का समर्थन नहीं करेंगे. अगर कोई भी नागरिक इस बिल की वजह से डरा हुआ है तो उनके शक दूर होने चाहिए. वे भी हमारे नागरिक हैं, इसलिए उनके सवालों के भी जवाब दिए जाने चाहिए.' बता दें, लोकसभा में बिल के पास होने से पहले शिवसेना ने इसका विरोध किया था, फिर जब इस सदन में पेश किया गया तो शिवसेना के सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया.
बता दें, लोकसभा में नागरिकता बिल पेश होने से पहले शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में इसकी आलोचना करते हुए सवाल उठाए थे कि क्या हिंदू अवैध शरणार्थियों की ‘चुनिंदा स्वीकृति' देश में धार्मिक युद्ध छेड़ने का काम नहीं करेगी और उसने केंद्र पर विधेयक को लेकर हिंदुओं तथा मुस्लिमों का ‘अदृश्य विभाजन' करने का आरोप लगाया. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने यह भी कहा कि विधेयक की आड़ में ‘वोट बैंक की राजनीति' करना देश के हित में नहीं है. लेकिन बाद में शिवसेना ने लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया.
Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray: If any citizen is afraid of this Bill than one must clear their doubts. They are our citizens so one must answer their questions too. https://t.co/aB8LQSrmxE
— ANI (@ANI) December 10, 2019
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शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'हमनें राष्ट्रहित के लिए इस बिल का समर्थन किया है. सीएमपी (कॉमन मिनिमम प्रोग्राम) केवल महाराष्ट्र में लागू है.' सावंत शिवसेना के एकमात्र सांसद थे, जो केंद्रीय केबिनेट में शामिल थे. लेकिन महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद शिवसेना ने केंद्र में भाजपा से अपना समर्थन वापस ले लिया था.
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बता दें, लोकसभा ने नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है. निचले सदन में विधेयक पर सदन में सात घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक लाखों करोड़ों शरणार्थियों के यातनापूर्ण नरक जैसे जीवन से मुक्ति दिलाने का साधन बनने जा रहा है. ये लोग भारत के प्रति श्रद्धा रखते हुए हमारे देश में आए, उन्हें नागरिकता मिलेगी.
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