पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस नेता एके एंटनी की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर डील में इटली की एक अदालत के सवा सौ करोड़ रुपये की रिश्वत की बात कहने के बाद बीजेपी ने पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी पर निशाना साधा है। रविशंकर प्रसाद ने एंटनी से इस मामले में सफाई की मांग की है। मामले का संज्ञान लेते हुए सरकार ने रोम में भारतीय दूतावास से फैसले की जानकारी मांगी है।
'यूपीए सरकार ने स्कैंडल के पीछे का सच जानने की कोशिश नहीं की'
विवादास्पद रहे अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में इटली की कोर्ट ने कहा है कि भारत में केवल सरकारी कामों के लिए ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सौदों के लिए भी रिश्वत दी जाती है। कोर्ट ने कहा है कि भारत में कुछ लोगों को इस सौदे के लिए रिश्वत दी गई थी। अपने 225 पेज के फैसले में अदालत ने यूपीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने इस मामले को नजरअंदाज किया और इस स्कैंडल के पीछे का सच जानने की कोशिश नहीं की। जांचकर्ताओं को डील से जुड़े कागज़ात भी मुहैया नहीं कराए। रक्षा मंत्रालय ने तथ्यों को सामने लाने में लापरवाही बरती।
कांग्रेस पर हमले की तैयारी में बीजेपी
अब संसद में बीजेपी, कांग्रेस से सवाल-जवाब के मूड में है। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, एंटनी जी बताइए कि कौन-कौन लोग शामिल थे। जवाब में एंटनी ने कहा कि हमने इटली के कोर्ट में केस लड़ा और पैसे वापस लिए। सीबीआई जांच के आदेश हमने ही दिए, अब सरकार को चाहिए कि सीबीआई जांच को तेज करें और सच्चाई को बाहर लाए।
क्या कहा एसपी त्यागी ने...
अदालत ने मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी का नाम भी लिया है। 2005 से 2007 के दौरान त्यागी ही वायु सेना के प्रमुख थे। एयर चीफ त्यागी ने कहा कि मैंने कोई पैसा नहीं खाया है। ये फैसला अकेले का नहीं सबने मिलकर लिया था। हेलीकॉप्टर के पैरामीटर में बदलाव एनडीए और यूपीए सरकार के कहने पर लिए गए और अंतिम फैसला तो तबके रक्षा मंत्री ने ही लिया। त्यागी ने तो ये भी कहा कि अगर कोई दोषी है तो उसे छोड़िए मत लेकिन अगर उनपर मामला है तो फिर तीन साल से सीबीआई और ईडी ने क्यों नहीं कुछ किया।
अदालत ने अपने फैसले में यह विस्तार से समझाया है कि किस तरह डील के दौरान एक से डेढ़ करोड़ डॉलर भारतीय अफसरों तक पहुंचाए गए। अप्रैल 2013 में इटली ने भारत से डील से जुड़े दस्तावेजों की मांग की थी। भारत ने मार्च 2014 में केवल तीन दस्तावेज़ उपलब्ध कराए। डील में बिचौलिये क्रिश्चियन माइकल की भूमिका पर भी अदालत ने सवाल खड़े किए हैं। 3565 करोड़ रुपये के इस सौदे पर चर्चा के लिए भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में नोटिस भी दे दिया है। लोकसभा में मीनाक्षी लेखी भी इस पर नोटिस दे चुकी हैं।
जाहिर है उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर कांग्रेस के आक्रामक रुख के जवाब में बीजेपी चॉपर डील के मसले का इस्तेमाल करेगी और सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच इस खींचतान का असर सीधे विधायी कामकाज पर होगा।
'यूपीए सरकार ने स्कैंडल के पीछे का सच जानने की कोशिश नहीं की'
विवादास्पद रहे अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में इटली की कोर्ट ने कहा है कि भारत में केवल सरकारी कामों के लिए ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सौदों के लिए भी रिश्वत दी जाती है। कोर्ट ने कहा है कि भारत में कुछ लोगों को इस सौदे के लिए रिश्वत दी गई थी। अपने 225 पेज के फैसले में अदालत ने यूपीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने इस मामले को नजरअंदाज किया और इस स्कैंडल के पीछे का सच जानने की कोशिश नहीं की। जांचकर्ताओं को डील से जुड़े कागज़ात भी मुहैया नहीं कराए। रक्षा मंत्रालय ने तथ्यों को सामने लाने में लापरवाही बरती।
कांग्रेस पर हमले की तैयारी में बीजेपी
अब संसद में बीजेपी, कांग्रेस से सवाल-जवाब के मूड में है। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, एंटनी जी बताइए कि कौन-कौन लोग शामिल थे। जवाब में एंटनी ने कहा कि हमने इटली के कोर्ट में केस लड़ा और पैसे वापस लिए। सीबीआई जांच के आदेश हमने ही दिए, अब सरकार को चाहिए कि सीबीआई जांच को तेज करें और सच्चाई को बाहर लाए।
क्या कहा एसपी त्यागी ने...
अदालत ने मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी का नाम भी लिया है। 2005 से 2007 के दौरान त्यागी ही वायु सेना के प्रमुख थे। एयर चीफ त्यागी ने कहा कि मैंने कोई पैसा नहीं खाया है। ये फैसला अकेले का नहीं सबने मिलकर लिया था। हेलीकॉप्टर के पैरामीटर में बदलाव एनडीए और यूपीए सरकार के कहने पर लिए गए और अंतिम फैसला तो तबके रक्षा मंत्री ने ही लिया। त्यागी ने तो ये भी कहा कि अगर कोई दोषी है तो उसे छोड़िए मत लेकिन अगर उनपर मामला है तो फिर तीन साल से सीबीआई और ईडी ने क्यों नहीं कुछ किया।
अदालत ने अपने फैसले में यह विस्तार से समझाया है कि किस तरह डील के दौरान एक से डेढ़ करोड़ डॉलर भारतीय अफसरों तक पहुंचाए गए। अप्रैल 2013 में इटली ने भारत से डील से जुड़े दस्तावेजों की मांग की थी। भारत ने मार्च 2014 में केवल तीन दस्तावेज़ उपलब्ध कराए। डील में बिचौलिये क्रिश्चियन माइकल की भूमिका पर भी अदालत ने सवाल खड़े किए हैं। 3565 करोड़ रुपये के इस सौदे पर चर्चा के लिए भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में नोटिस भी दे दिया है। लोकसभा में मीनाक्षी लेखी भी इस पर नोटिस दे चुकी हैं।
जाहिर है उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर कांग्रेस के आक्रामक रुख के जवाब में बीजेपी चॉपर डील के मसले का इस्तेमाल करेगी और सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच इस खींचतान का असर सीधे विधायी कामकाज पर होगा।
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