सेना की टुकड़ी को निर्देश देता एक अधिकारी (प्रतिकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:
भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों के बीच गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश में उस समय झड़प हो गई, जब 276 चीनी सैनिक सीमा पर चार विभिन्न स्थानों से भारतीय क्षेत्र में घुस आए।
घटना के संबंध में एक आधिकारिक ब्यौरे के अनुसार यह घटना अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शंकर टिकरी में हुई और पीएलए का दावा था कि यह क्षेत्र चीन का है।
इस क्षेत्र की सुरक्षा भारतीय सेना करती है। भारतीय सेना ने तुरंत कार्रवाई की और चीनी सैनिकों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए अपने जवानों को भेजा। समझा जाता है कि अनुमानित 215 चीनी सैनिकों ने शंकर टिकरी में आगे बढ़ने का प्रयास किया। इसके साथ ही 20-20 सैनिकों ने अरुणाचल के थांग ला और मेरा गाप से तथा 21 अन्य सैनिकों ने यांकी-1 से बढ़ने का प्रयास किया।
नियमित बैनर ड्रिल के दौरान चीनी सैनिकों से हुई झड़प
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नियमित बैनर ड्रिल के दौरान चीनी सैनिकों ने आक्रामक रुख अपनाते हुए भारतीय सैनिकों पर शारीरिक रूप से हमला करने का प्रयास किया, लेकिन उन पर काबू पा लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि सेना ने आधिकारिक रूप से रिपोर्ट दी है कि सेना और पीएलए के बीच शंकर टिकरी में सिर्फ 'मामूली झड़प' हुई। तनाव कथित तौर पर तभी दूर हुआ जब चीनी सेना के चार अधिकारी एक दुभाषिये के साथ भारतीय सेना के कमांडिंग आफिसर से मिले और उन्हें दो पैकेट चॉकलेट दिए तथा यांकी-1 चौकी के प्रभारी को एक उपहार का पैकेट भेंट किया।
यांग्त्से दोनों देशों के बीच विवादित क्षेत्रों में से एक है और यह भारतीय क्षेत्र है। इस क्षेत्र में चीन के सैनिक 2011 से ही समय-समय पर कथित रूप से घुसपैठ करते रहे हैं।
इस बीच गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि चॉकलेटों के आदान प्रदान के साथ झड़प समाप्त हो गई। उन्होंने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि चीनी सैनिक सौहार्दपूर्ण तरीके से लौट गए।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
घटना के संबंध में एक आधिकारिक ब्यौरे के अनुसार यह घटना अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शंकर टिकरी में हुई और पीएलए का दावा था कि यह क्षेत्र चीन का है।
इस क्षेत्र की सुरक्षा भारतीय सेना करती है। भारतीय सेना ने तुरंत कार्रवाई की और चीनी सैनिकों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए अपने जवानों को भेजा। समझा जाता है कि अनुमानित 215 चीनी सैनिकों ने शंकर टिकरी में आगे बढ़ने का प्रयास किया। इसके साथ ही 20-20 सैनिकों ने अरुणाचल के थांग ला और मेरा गाप से तथा 21 अन्य सैनिकों ने यांकी-1 से बढ़ने का प्रयास किया।
नियमित बैनर ड्रिल के दौरान चीनी सैनिकों से हुई झड़प
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नियमित बैनर ड्रिल के दौरान चीनी सैनिकों ने आक्रामक रुख अपनाते हुए भारतीय सैनिकों पर शारीरिक रूप से हमला करने का प्रयास किया, लेकिन उन पर काबू पा लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि सेना ने आधिकारिक रूप से रिपोर्ट दी है कि सेना और पीएलए के बीच शंकर टिकरी में सिर्फ 'मामूली झड़प' हुई। तनाव कथित तौर पर तभी दूर हुआ जब चीनी सेना के चार अधिकारी एक दुभाषिये के साथ भारतीय सेना के कमांडिंग आफिसर से मिले और उन्हें दो पैकेट चॉकलेट दिए तथा यांकी-1 चौकी के प्रभारी को एक उपहार का पैकेट भेंट किया।
यांग्त्से दोनों देशों के बीच विवादित क्षेत्रों में से एक है और यह भारतीय क्षेत्र है। इस क्षेत्र में चीन के सैनिक 2011 से ही समय-समय पर कथित रूप से घुसपैठ करते रहे हैं।
इस बीच गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि चॉकलेटों के आदान प्रदान के साथ झड़प समाप्त हो गई। उन्होंने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि चीनी सैनिक सौहार्दपूर्ण तरीके से लौट गए।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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