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This Article is From Jul 07, 2017

सीमा पर चीन से तनाव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी, शी चिनफिंग ने बांधे एक दूसरे की तारीफों के पुल

विदेश मंत्रालय ने कहा कि शी चिनफिंग ने "आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत संकल्प, तथा भारत की अध्यक्षता में ब्रिक्स में आई तेज़ी की प्रशंसा की..." इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी "राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता में ब्रिक्स में आई गति की सराहना की..."

सीमा पर चीन से तनाव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी, शी चिनफिंग ने बांधे एक दूसरे की तारीफों के पुल
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ब्रिक्स देशों की अनौपचारिक बैठक में एक दूसरे की तारीफ की...
हैम्बर्ग (जर्मनी): भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में हो रहे दो-दिवसीय जी-20 सम्मेलन से इतर ब्रिक्स देशों - ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका - के प्रमुखों की अनौपचारिक बैठक के दौरान एक दूसरे की तारीफ की. बैठक के लिए कमरे में दाखिल होने पर भी दोनों नेताओं ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और अभिवादन किया.

विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि शी चिनफिंग ने अपने समापन भाषण के दौरान "आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत संकल्प, तथा भारत की अध्यक्षता में व वर्ष 2016 में हुए गोवा शिखर सम्मेलन के फलस्वरूप ब्रिक्स में आई तेज़ गति की प्रशंसा की... उन्होंने आर्थिक तथा सामाजिक विकास में भारत की सफलता की भी सराहना की, तथा इससे भी ज़्यादा कामयाबी की शुभकामनाएं दीं..."

मंत्रालय के अनुसार, शी चिनफिंग से ठीक पहले बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता में ब्रिक्स में आई गति की सराहना की, और संपूर्ण सहयोग का वादा करते हुए ब्रिक्स के ज़ियामेन शिखर सम्मेलन के लिए शुभकामनाएं दीं..."

हैम्बर्ग में दोनों नेताओं के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी, हालांकि दोनों ही नेता जी-20 सम्मेलन से इतर अन्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे.

भारत और चीन के बीच पिछले महीने से ही सिक्किम के निकट सीमा को लेकर विवाद चला आ रहा है. चीन ने भारत के लिए कई चेतावनियां जारी की हैं, जिनमें से कुछ सरकारी समाचारपत्रों के ज़रिये दी गईं. चीन का कहना है कि सिक्किम के निकट डोकलाम इलाके से भारत को अपनी सेनाएं हटा लेनी चाहिए, क्योंकि चीन उसे अपना इलाका मानता है. दरअसल, भारतीय सेना वहां चीन द्वारा बनाई जा रही सड़क को रोकने के लिए पहुंची थी, जो भारत के अनुसार, सुरक्षा के लिहाज़ से ठीक नहीं है.

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