नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि चीन की हाल की घुसपैठ से बनी स्थिति को भारत तूल नहीं देना चाहता और इसके समाधान की योजना पर काम हो रहा है।
मनमोहन सिंह ने कहा, हमारे पास योजना है। हम स्थिति को तूल नहीं देना चाहते। हम इस बात में यकीन रखते हैं कि समस्या को सुलझाया जा सकता है। यह एक स्थान तक सीमित समस्या है। मेरा मानना है कि वार्ता जारी है।
ये बातें उन्होंने इस सवाल के जवाब में कही कि मुद्दे के समाधान के लिए सरकार के पास क्या कोई योजना है? राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं।
उल्लेखनीय है कि चीन के सैनिकों की पलटन के आकार वाली एक टुकड़ी ने 15 अप्रैल को भारतीय क्षेत्र में 10 किलोमीटर भीतर घुसकर डीबीओ क्षेत्र के भुरथे इलाके में शिविर स्थापित कर लिए हैं। सेना ने सरकार को हालात से अवगत कराया है। स्थिति से निपटने के लिए सेना ने सरकार को विभिन्न विकल्प भी सुझाए हैं, जिनमें सेना का आक्रामक इस्तेमाल शामिल है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तहत काम करने वाले चीन अध्ययन समूह द्वारा सुझाए गए सभी विकल्पों का भी अध्ययन किया जा रहा है। भारतीय सेना ने 5 लद्दाख स्काउट्स बटालियन से अपनी सेना को डीबीओ क्षेत्र भेजा है और वे वहां शिविर लगा कर रह रहे हैं। आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त सैनिकों को भेजने पर भी विचार हुआ है।
मनमोहन सिंह ने कहा, हमारे पास योजना है। हम स्थिति को तूल नहीं देना चाहते। हम इस बात में यकीन रखते हैं कि समस्या को सुलझाया जा सकता है। यह एक स्थान तक सीमित समस्या है। मेरा मानना है कि वार्ता जारी है।
ये बातें उन्होंने इस सवाल के जवाब में कही कि मुद्दे के समाधान के लिए सरकार के पास क्या कोई योजना है? राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं।
उल्लेखनीय है कि चीन के सैनिकों की पलटन के आकार वाली एक टुकड़ी ने 15 अप्रैल को भारतीय क्षेत्र में 10 किलोमीटर भीतर घुसकर डीबीओ क्षेत्र के भुरथे इलाके में शिविर स्थापित कर लिए हैं। सेना ने सरकार को हालात से अवगत कराया है। स्थिति से निपटने के लिए सेना ने सरकार को विभिन्न विकल्प भी सुझाए हैं, जिनमें सेना का आक्रामक इस्तेमाल शामिल है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तहत काम करने वाले चीन अध्ययन समूह द्वारा सुझाए गए सभी विकल्पों का भी अध्ययन किया जा रहा है। भारतीय सेना ने 5 लद्दाख स्काउट्स बटालियन से अपनी सेना को डीबीओ क्षेत्र भेजा है और वे वहां शिविर लगा कर रह रहे हैं। आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त सैनिकों को भेजने पर भी विचार हुआ है।
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