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This Article is From Sep 07, 2020

मिलिट्री लॉजिस्टिक फैसिलिटी के लिए पाकिस्‍तान का इस्‍तेमाल कर रहा चीन: अमेरिकी रिपोर्ट

रिपोर्ट बताती है कि जिबाउती (Djibout) के मौजूदा बेस से परे पीआरसी अपनी नेवल, एयर और ग्राउंड फोर्स को अतिरिक्‍त वैश्विक मिलिट्री लॉजिस्टिक फैसिलिटी प्रदान करने पर विचार कर इस बारे में योजना बना रही है. पीएलए की मिलिट्री लॉजिस्टिक फैसिलिटी के लिए संभवत: उसने म्‍यांमार, थाइलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, पाकिस्‍तान, श्रीलंका, संयुक्‍त अरब अमीरात (UAE), केन्‍या, सेशेल्‍स, तंजानिया, अंगोला और ताजिकिस्‍तान को संभावित लोकेशन के तौर पर चुना है.

मिलिट्री लॉजिस्टिक फैसिलिटी के लिए पाकिस्‍तान का इस्‍तेमाल कर रहा चीन: अमेरिकी रिपोर्ट
चीन और पाकिस्‍तान की 'गतिविधियां' भारत के लिए चिंता का कारण बन रही है
वॉशिंगटन:

चीन (China) ने अपना 'ठिकाना' बनाने के लिए पाकिस्‍तान सहित करीब एक दर्जन देशों को चुना है. यह दावा अमेरिकी रक्षा विभाग (US Department of Defence)की वार्षिक रिपोर्ट में किया गया है. अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई 'मिलिट्री एंड सिक्‍युरिटी डेवलपमेंट इनवॉल्विंग द पीपुल्‍स रिपब्लिक ऑफ चाइना 2020' रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्‍तान उन देशों में शामिल है जिसे बीजिंग ने सैन्‍य रसद सुविधाओं (military logistics facilities) के लिए चुना है. पिछले सप्‍ताह प्रकाशित अमेरिका की इस रिपोर्ट के अनुसार PRC (पीपुल्‍स रिपब्लिक ऑफ चाइना) अपने वैश्विक लॉजिस्टिक और आधारभूत इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर (basing infrastructure) को बढ़ाना चाहता है. पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी यानी PLA की सैन्‍य क्षमता को अधिक दूरी तक बनाए रखने के लिए यह कवायद की जा रही है.

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रिपोर्ट बताती है कि जिबाउती (Djibouti) के मौजूदा बेस से परे पीआरसी अपनी नेवल, एयर और ग्राउंड फोर्स को अतिरिक्‍त वैश्विक मिलिट्री लॉजिस्टिक फैसिलिटी प्रदान करने पर विचार कर इस बारे में योजना बना रही है. पीएलए की मिलिट्री लॉजिस्टिक फैसिलिटी के लिए संभवत: उसने म्‍यांमार, थाइलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, पाकिस्‍तान, श्रीलंका, संयुक्‍त अरब अमीरात (UAE), केन्‍या, सेशेल्‍स, तंजानिया, अंगोला और ताजिकिस्‍तान को संभावित लोकेशन के तौर पर चुना है. पेंटागन के अनुसार, चीन के ये संभावित चीनी ठिकाने जिबूती में चीनी सैन्य अड्डे के अतिरिक्त हैं, जिसका उद्देश्य नौसेना, वायु सेना और जमीनी बल की कार्यों को और मजबूती प्रदान करना है.

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘वैश्विक पीएलए (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) के सैन्य अड्डों का नेटवर्क अमेरिकी सैन्य अभियानों में हस्तक्षेप कर सकता है और पीआरसी के वैश्विक सैन्य उद्देश्यों के तहत अमेरिका के खिलाफ आक्रामक अभियानों में सहयोग पहुंचा सकता है.' इसके अनुसार,चीन ने संभवत: पहले ही नामीबिया, वनुआटू और सोलोमन द्वीपों पर अपना कब्जा जमा लिया है. रिपोर्ट कहती है कि पीएलए की योजना के अनुसार उसके लिए ज्ञात संभावित महत्वपूर्ण क्षेत्र चीन से लेकर होर्मुज की खाड़ी, अफ्रीका और प्रशांत द्वीपों तक गुजरने वाले उसके समुद्री मार्ग से सटे हुए हैं. (भाषा से भी इनपुट)

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