
ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को रामनवमी समारोह में शामिल होने वाले बीजेपी नेताओं पर हमला बोला. ममता ने कहा कि वे राजनेता जो पूजा के नाम पर हथियार लेकर घूम रहे हैं, वे सच्ची भारतीय संस्कृति से अनजान हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि राजनीति और धर्म का घालमेल नहीं किया जाना चाहिए. ममता ने आसनसोल में एक सभा के दौरान पश्चिम बर्धमान को राज्य का 23वां जिला घोषित किया. ममता ने कहा, "ये समारोह हजारों साल से आयोजित हो रहे हैं. लेकिन इसमें राजनीतिक दल और नेता क्यों शामिल हो रहे हैं. राजनीति और धर्म को नहीं मिलाया जाना चाहिए."
उन्होंने कहा, "बंगाल को जाने दीजिए, वे (बीजेपी नेता) देश की संस्कृति से भी अवगत नहीं हैं. यदि वे सही से परंपरा और संस्कृति को जानते तो तलवार लेकर लोगों को डराने के बजाय मंदिर में भगवान की पूजा करते." राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) और इसके दूसरे सहयोगी संगठनों जैसे हिंदू जागरण मंच ने पूर्वी राज्य में बुधवार को बड़े स्तर पर रामनवमी पर भव्य रैली निकाली थी. इसमें हजारों हिंदू कार्यकर्ताओं, स्कूली बच्चों ने बैंडबाजा और धारदार हथियार लेकर रैली निकाली.
इसमें ज्यादातर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने जुलूस में भाग लिया. इसमें कई नेता हथियार लिए हुए थे. पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी अपने निर्वाचन क्षेत्र में इस तरह की एक रैली निकाली थी. इसमें उन्होंने तलवार लिया था. घोष पश्चिम मिदनापुर के खगड़पुर जिले से विधायक हैं.
ममता ने गुरुवार को कहा कि पुलिस की इजाजत के बिना जिन्होंने हथियार लिए थे उन राजनेताओं के खिलाफ कानून अपना काम करेगा. उनकी चेतावनी के घंटे भर बाद कोलकाता और राज्य पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए हथियारबंद रैली आयोजित करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज किए. इसमें बीजेपी अध्यक्ष घोष के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.
ममता ने बीजेपी पर बंगाल के लोगों का धुव्रीकरण करने का आरोप लगाया. ममता ने कहा, "यह कौन-सा बीजेपी का नया नाटक है. सभी चीजें ठीक हैं, लेकिन मैं राज्य में दंगा बर्दाश्त नहीं करूंगी. यदि कोई सामुदायिक दंगा भड़काने की कोशिश करता है तो उन्हें यह जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी और इसके परिणाम का सामना करना होगा."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, "बंगाल को जाने दीजिए, वे (बीजेपी नेता) देश की संस्कृति से भी अवगत नहीं हैं. यदि वे सही से परंपरा और संस्कृति को जानते तो तलवार लेकर लोगों को डराने के बजाय मंदिर में भगवान की पूजा करते." राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) और इसके दूसरे सहयोगी संगठनों जैसे हिंदू जागरण मंच ने पूर्वी राज्य में बुधवार को बड़े स्तर पर रामनवमी पर भव्य रैली निकाली थी. इसमें हजारों हिंदू कार्यकर्ताओं, स्कूली बच्चों ने बैंडबाजा और धारदार हथियार लेकर रैली निकाली.
इसमें ज्यादातर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने जुलूस में भाग लिया. इसमें कई नेता हथियार लिए हुए थे. पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी अपने निर्वाचन क्षेत्र में इस तरह की एक रैली निकाली थी. इसमें उन्होंने तलवार लिया था. घोष पश्चिम मिदनापुर के खगड़पुर जिले से विधायक हैं.
ममता ने गुरुवार को कहा कि पुलिस की इजाजत के बिना जिन्होंने हथियार लिए थे उन राजनेताओं के खिलाफ कानून अपना काम करेगा. उनकी चेतावनी के घंटे भर बाद कोलकाता और राज्य पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए हथियारबंद रैली आयोजित करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज किए. इसमें बीजेपी अध्यक्ष घोष के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.
ममता ने बीजेपी पर बंगाल के लोगों का धुव्रीकरण करने का आरोप लगाया. ममता ने कहा, "यह कौन-सा बीजेपी का नया नाटक है. सभी चीजें ठीक हैं, लेकिन मैं राज्य में दंगा बर्दाश्त नहीं करूंगी. यदि कोई सामुदायिक दंगा भड़काने की कोशिश करता है तो उन्हें यह जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी और इसके परिणाम का सामना करना होगा."
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