दिल्ली (Delhi) में प्रदूषण (Pollution) की बढ़ती समस्या से निजात पाने के लिए देश का पहला स्मॉग टावर (Smog Tower) कनॉट प्लेस में लगाया गया. इसका उद्घाटन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने किया. प्रदूषण से लड़ने की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है. इस तकनीक को अमेरिका से आयात किया गया है. केजरीवाल ने कहा कि अगले एक महीने में स्मॉग टावर के डाटा से पता चल जाएगा कि यह कितना प्रभावी है.
यह टावर 24 मीटर ऊंचा है. एक किलोमीटर के दायरे की हवा को खींचेगा और नीचे पंखों से शुद्ध हवा को रिलीज करेगा. इसकी हवा को साफ करने की क्षमता 1000 क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड है. इसकी मदद से पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा को कम किया जा सकेगा. इस पर करीब 20 करोड़ रुपये की लागत आई है.
आईआईटी दिल्ली और आईआईटी मुंबई के विशेषज्ञ इसके डाटा का विश्लेषण करेंगे. यदि यह प्रभावी होता है तो ऐसे और भी टावर लगाए जाएंगे. जिसमें टाटा कंसल्टेंसी और एनबीसीसी का सहयोग मिलेगा.
इस मौके पर एनडीटीवी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सवाल पूछेः
एनडीटीवी का सवालः एक्सपर्ट्स इस तरह के स्मॉग टावर को लेकर बहुत आशान्वित नहीं हैं, उनका कहना है कि इसमें खर्चा ज्यादा हो रहा है और जो हवा साफ हो रही है उसकी मात्रा बहुत कम है.
केजरीवाल का जवाबः नये नये प्रयास करने चाहिए अगर ये सफल होता है तो इसको आगे बढ़ाएंगे वरना कुछ और तरीका निकालेंगे.
एनडीटीवी का सवालः कब तक इसका डाटा पता चल जाएगा.
केजरीवाल का जवाबः करीब एक महीने में शुरुआती डाटा पता चल जाएगा, वैसे लगभग 2 साल तक हम इसका आकलन करेंगे.
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