यह ख़बर 18 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सुरक्षा केंद्र और राज्य सरकारों की साझा जिम्मेदारी : चिदंबरम

खास बातें

  • आतंकवाद के मुकाबले के लिए एक संस्थान की स्थापना को लेकर गैर-कांग्रेसी राज्यों की आलोचनाओं के बीच चिदंबरम ने कहा कि देश की सुरक्षा केंद्र तथा राज्य सरकारों की साझा जिम्मेदारी है।
कोलकाता:

आतंकवाद के मुकाबले के लिए एक संस्थान की स्थापना को लेकर गैर-कांग्रेस शासित राज्यों की आलोचनाओं के बीच केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि देश की सुरक्षा केंद्र तथा राज्य सरकारों की साझा जिम्मेदारी है।

उन्होंने कोलकाता से करीब 50 किलोमीटर दूर एनएसजी हब के उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में कहा, ‘‘देश की सुरक्षा में केंद्र और राज्य सरकारों की साझा जिम्मेदारी है। भारतीय संविधान कानून-व्यवस्था का काम राज्य सरकार को सौंपता है और बाहरी हमलों या आंतरिक अड़चनों से देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र को देता है।’’ चिदंबरम ने कहा कि संविधान के निर्माताओं ने अनुच्छेद 355 बहुत सोच समझकर बनाया।

उन्होंने कहा, ‘‘तभी उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा को साझा जिम्मेदारी बनाया।’’ गृहमंत्री ने समारोह में कहा, ‘‘आतंकवाद, किसी तरह के उग्रवाद या विद्रोह के मुकाबले के लिए मेरे ऊपर राज्यों के साथ मिलकर काम करने की जिम्मेदारी है।’’

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इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिरकत नहीं की। इससे पहले वह राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र (एनसीटीसी) के गठन की केंद्र की योजना के खिलाफ आधा दर्जन गैर-कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सुर में सुर मिला चुकी हैं। उनका कहना है कि यह संविधान के संघीय प्रावधानों की अवज्ञा करता है और राज्यों के अधिकारों को छीनने का प्रयास है। हालांकि चिदंबरम ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में न तो एनसीटीसी को लेकर उठे विवाद का जिक्र किया और न ही उन्होंने इस पर मुख्यमंत्रियों की आपत्ति को लेकर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की।