छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में सरकार संचालित मेडिकल शिविरों में की गई नसबंदी के बाद कुछ महिलाओं की मौत होने और कई अन्य के बीमार पड़ने के मामले में दवा कंपनी के निदेशक और उनके बेटे को आज गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में अब तक 13 महिलाओं की जान जा चुकी है और करीब 138 बीमार हैं।
इसके साथ ही मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जज अनीता झा की एकल सदस्यता वाले एक आयोग का गठन किया गया और उसे तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह नसबंदी कराने वाली महिलाओं में कुछ की मौत होने और उन्हें नकली दवाइयां दिए जाने को लेकर आलोचनाओं में घिर गए हैं। इस बीच दवा कंपनी के निदेशक और उनके बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह कंपनी कथित तौर पर घटिया दवाइयों की आपूर्ति किया करती थी।
एक सरकारी बयान में बताया गया है, 'एक सदस्य वाले आयोग का गठन किया गया है और सेवानिवृत जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनीता झा को संकरी (पेंडारी), गौरेला, पेण्ड्रा और मरवाही में महिला नसबंदी शिविरों में ऑपरेशन के बाद 13 महिलाओं की मौत और कई अन्य के बीमार पड़ने की घटनाओं की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।'
बयान के मुताबिक आयोग से तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने को कहा गया है।
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