राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (National Statistical Commission) के कार्यवाहक प्रमुख पीसी मोहनन और सदस्य जे वी मीनाक्षी ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार बेरोज़गारी के आंकड़े दबा रही है. उनका कहना है कि 5 दिसंबर 2018 को ही नेशनल सैंपल सर्वे का डेटा मंज़ूर कर सरकार को दे दिया गया था, मगर आज तक जारी नहीं हुआ. इस इस्तीफे के बाद चार सदस्यों वाले राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग में अब दो ही सदस्य रह गए हैं. जे वी मीनाक्षी दिल्ली स्कूल आफ इकोनमिक्स में प्रोफेसर हैं और पी सी मोहनन इंडियन statistical सर्विस के सदस्य रहे हैं.
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इस इस्तीफे के बाद चीफ स्टेटिशियन प्रवीण श्रीवास्तव और नीति आयोग के अमिताभ कांत ही बचे रह गए हैं. बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीसी मोहनन का कहना है कि हमें कई महीनों से लग रहा था कि हमें कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है और किनारे लगाया जा रहा है. नेशनल स्टेटिस्टिकल कमिशन के फैसलों को लागू नहीं किया जा रहा था. गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में इस कमीशन ने जीडीपी आंकड़ों की समीक्षा कर बताया था कि यूपीए के समय 2010-11 में जीडीपी 10.08 परसेंट हो गई थी. मगर सरकार ने उनकी रिपोर्ट पलट दी. इस्तीफे का एक कारण यह भी बताया जा रहा है.
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