नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में उसके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए दायर याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। आरोप है कि नागरिकों को विभिन्न योजनाओं के लाभ प्रदान करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य कथित रूप से आधार कार्ड पर जोर दे रहे हैं।
न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि न्यायालय के पहले के आदेशों के अनुरूप केंद्र ने राज्यों और संबंधित प्राधिकारियों को सूचित किया है कि विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं बनाएं।
सरकार ने कहा कि आधार कार्ड रखने वाले व्यक्तियों से कहा जा रहा है कि वे इसे प्राधिकारियों को उपलब्ध कराए, लेकिन यह वैकल्पिक है।
जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं में से एक मैथ्यू थॉमस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमणियम ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक तथा निर्वाचन आयोग आदि के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए अर्जी दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और दूसरे प्राधिकार न्यायालय के पहले के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं।
न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि न्यायालय के पहले के आदेशों के अनुरूप केंद्र ने राज्यों और संबंधित प्राधिकारियों को सूचित किया है कि विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं बनाएं।
सरकार ने कहा कि आधार कार्ड रखने वाले व्यक्तियों से कहा जा रहा है कि वे इसे प्राधिकारियों को उपलब्ध कराए, लेकिन यह वैकल्पिक है।
जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं में से एक मैथ्यू थॉमस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमणियम ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक तथा निर्वाचन आयोग आदि के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए अर्जी दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और दूसरे प्राधिकार न्यायालय के पहले के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं।
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